भोपाल,प्ले स्कूल में सीसीटीवी कैमरे, हर 20 बच्चों पर एक आया और महिला टीचर रखना अनिवार्य हो गया है। राष्ट्रीय बाल आयोग ने प्ले स्कूल के लिए गाइड लाइन जारी की है। इस संबंध में आयोग ने राज्य सरकार को इस संबंध में पत्र भी लिखा है, गाइडलाइन में स्कूल के लिए मान्यता जरूरी करने एवं घरों में स्कूल न खोलने का सुझाव भी दिया गया है। राष्ट्रीय बाल आयोग की पहल पर झारखंड सरकार ने पिछले पखवाड़े प्ले स्कूल रेगुलेशन एंड कंट्रोल नियमावली 2017 को मंजूरी भी दे दी है। मप्र बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष राघवेन्द्र ने भी मुख्य सचिव को इस मुद्दे पर पत्र लिखकर गाइडलाइन भी जारी की है।
आयोग द्वारा जारी गाइड लाइन में कहा गया है कि 3 से 6 साल की उम्र तक के बच्चों को प्ले स्कूल संचालित किए जा सकेंगे। पूर्व से चल रहे स्कूलों को छह महीने में मान्यता लेने का सुझाव दिया गया है। मप्र बाल आयोग के अध्यक्ष डॉ. राघवेन्द्र ने बताया कि उन्होंने इस संबंध में प्रदेश के मुख्य सचिव को पत्र भेजा है। आयोग ने सुझाव दिया है कि बिना मान्यता लिए प्ले स्कूल खोलने की अनुमति न दी जाए। उन्होंने बताया कि भोपाल में कोलार रोड स्थित ‘किड्जीठ प्ले स्कूल में एक तीन साल की बच्ची के साथ बुरी नीयत से छेड़छाड़ की गई थी। ग्वालियर में भी एक प्ले स्कूल में इस तरह की घटना होने के बाद आयोग ने इस संबंध में सख्त नियम बनाने की अनुशंसा की है। आयोग की गाइडलाइन के अनुसार, घर में न खोला जाए प्ले स्कूल, स्कूल में सीसीटीवी कैमरे जरूरी, स्कूल भवन में चहारदीवारी हो, बच्चों के लिए रेस्ट रूम, शौचालय, फायर सेफ्टी और स्वच्छ पेयजल सुविधा, स्कूल बस में महिला अटेंडर, स्कूल का संचालन भूतल पर हो तथा 20 बच्चों पर एक टीचर और आया का होना जरूरी है।