ग्वालियर, भारतीय जनता पार्टी की सरकार हर वर्ग के विकास के लिए समर्पित है। जिन्हें कोई नहीं पूछता, उन्हें मोदी पूछता भी है और पूजता भी है। क्या 2014 से पहले किसी ने दिव्यांग शब्द सुना था? शारीरिक चुनौतियों से जूझ रहे इन लोगों को कांग्रेस की सरकारों ने अपने हाल पर छोड़ दिया था। हमने इनकी चिंता की, आधुनिक उपकरण दिए, कॉमन साइन लैंग्वेज तैयार कराई और आज ग्वालियर में इनके लिए स्थापित स्पोर्ट्स सेंटर का उद्घाटन किया है। दिव्यांगों के खेलों के मामले में ग्वालियर का नाम सारी दुनिया में रोशन होने जा रहा है। लेकिन आने वाले पांच साल ग्वालियर और मध्यप्रदेश के लिए बहुत अहम हैं। विकास की इस रफ्तार को बनाए रखने के लिए भाजपा की डबल इंजन सरकार का होना जरूरी है। यह बात प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने सोमवार को ग्वालियर के मेला ग्राउंड में प्रधानमंत्री आवास योजना के 2.21 लाख हितग्राहियों के गृहप्रवेश तथा 19000 करोड़ की लागत वाली विकास परियोजनाओं के लोकार्पण एवं शिलान्यास कार्यक्रम में संबोधित करते हुए कही।
भाजपा सरकार ने शुरू किया पिछड़ों को आगे लाने का अभियान
कार्यक्रम में संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने छोटे किसानों की चिंता की। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत प्रत्येक किसान के खाते में अब तक 28 हजार रुपये दिये जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि देश में 2.5 करोड़ किसान मोटा अनाज उगाते हैं। हमने इन किसानों को नई पहचान दी और इनके उगाए गए श्रीअन्न को हमारी सरकार सारी दुनिया में ले जा रही है। हमारे बीच में धोबी, कुम्हार, सुतार, लुहार, बाल काटने वाले और न जाने ऐसे कितने लोग काम करते हैं, जिनके बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। विकास की दौड़ में ये विश्वकर्मा कहीं पिछड़ गए थे। हमारी सरकार ने इन्हें आगे लाने का अभियान शुरू किया और पीएम विश्वकर्मा योजना लांच की। सरकार इन्हें प्रशिक्षण भी देगी और अपना धंधा शुरू करने के लिए ऋण भी उपलब्ध कराएगी, जिसकी गारंटी मोदी देगा।
आपका एक वोट देगा मध्यप्रदेश को टॉप-3 में लाने की गारंटी
प्रधानमंत्री श्री मोदी जी ने ग्वालियर को साहस, स्वाभिमान, सैन्य गौरव, संगीत, स्वाद और सरसों की भूमि बताते हुए कहा कि इस धरती से जो देशभक्त निकला, उसने अपना जीवन राष्ट्र के लिए खपा दिया। लेकिन हम जैसे करोड़ों लोगों को देश के लिए लड़ने का सौभाग्य नहीं मिला लेकिन देश को एक विकसित और समृद्ध राष्ट्र बनाने का दायित्व हमारे कंधों पर है। इसी मिशन को आगे बढ़ाने में आज मैं आपके बीच आया हूं। उन्होंने कहा कि आज 19 हजार करोड़ की इतनी विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास हुआ है कि आपके हाथ तालियां बजाते हुए थक गए होंगे। पहले की सरकारें जितने काम साल भर में करती होंगी, उतने काम हमारी सरकार एक दिन में कर सकती है। दशहरा, धनतेरस और दीवाली से पहले 2.21 लाख से अधिक परिवारों को अपना घर मिल गया है। उज्जैन की विक्रम उद्योगपुरी और इंदौर का लॉजिस्टिक पार्क प्रदेश में उद्योगीकरण को विस्तार देकर रोजगार के अवसर पैदा करेंगे। आज विदिशा, बैतूल, कटनी, नरसिंहपुर, दमोह और शाजापुर को नए स्वास्थ्य केद्रों की सौगात भी मिली है। इन सभी के लिए आपको बधाई देता हूं। उन्होंने कहा कि ये सारे काम डबल इंजन की सरकार के साझा प्रयासों का परिणाम हैं। केंद्र और राज्य में जब समान सोच वाली विकास को समर्पित सरकारें होती हैं, तो काम होते हैं। श्री मोदी ने कहा कि बीते सालों में हमारी सरकार बीमारू मध्यप्रदेश को टॉप-10 राज्यों में लेकर आई है। हमारा अगला लक्ष्य मध्यप्रदेश को टॉप-3 राज्यों में लाना है। लेकिन ये काम कौन कर सकता है? इसकी गारंटी कौन दे सकता है? आपका एक वोट ही इसकी गारंटी दे सकता है। उन्होंने कहा कि विकास विरोधी लोग जिनके पास विकास की कोई सोच और रोडमैप नहीं है, ये एमपी का विकास नहीं कर सकते। ऐसे समय में जब भाजपा की डबल इंजन सरकार प्रदेश को आगे बढ़ा रही है, ये उसे पीछे ले जाने की सोच रखते हैं। इसलिए इन पर भरोसा करना ठीक नहीं।
एक परिवार का गौरवगान करने वालों को देश का गौरवगान पसंद नहीं
मोदी ने कहा कि विकास विरोधियों का एक ही काम है, उन्हें देश की प्रगति से नफरत है। भारत की योजनाओं से नफरत है। ये देश की उपलब्धियों को भूल जाते हैं। आज सारी दुनिया भारत का गौरवगान कर रही है, दुनिया में देश का डंका बज रहा है, जिन्हें कुर्सी के सिवा कुछ नहीं दिखता, उन्हें ये अच्छा नहीं लगता। उन्होंने कहा कि 9 सालों में हमारी सरकार ने भारत को 10 वीं से दुनिया की 5 वीं बड़ी अर्थव्यवस्था बनाया, लेकिन ये इसे गलत साबित करने की कोशिश में लगे हैं। ये मोदी की गारंटी है कि आने वाले सालों में भारत दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा। लेकिन इससे भी इनके पेट में दर्द हो रहा है। श्री मोदी ने कहा कि इन विकास विरोधियों को देश ने 60 साल दिये। इन 60 सालों में कितना विकास हो सकता था? इनके पास भी मौका था, लेकिन इन्होंने नहीं किया। ये उस समय भी गरीबों की भावनाओं से खेलते रहे, जात-पांत के नाम पर समाज को बांटते रहे और आज भी यही कर रहे हैं। ये उस समय भी आकंठ भ्रष्टाचार में डूबे रहते थे, आज भी यही कर रहे हैं। ये उस दौरान भी एक ही परिवार के गौरवगान में लगे रहे और आज भी वही कर रहे हैं। इसीलिए इन्हें देश का गौरवगान पसंद नहीं आता।