मुंबई,मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, “राज्य सरकार विश्व मराठी सम्मेलन को पूरा सहयोग देगी और हर दो साल में यह सम्मेलन राज्य के विभिन्न शहरों में आयोजित किया जाएगा। वह आज मुंबई में नेशनल स्पोर्ट्स क्लब ऑफ इंडिया, वर्ली में पहले विश्व मराठी मीट ‘मराठी टिटुका मेलवावा’ के उद्घाटन के अवसर पर बोल रहे थे। विधानसभा अध्यक्ष एड. राहुल नार्वेकर, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, मराठी भाषा विभाग मंत्री दीपक केसरकर, उद्योग मंत्री उदय सामंत, सांसद राहुल शेवाले, सांसद हेमंत पाटिल, विधायक आशीष शेलार, यामिनी जाधव, प्रकाश सुर्वे, मराठी भाषा विभाग के प्रधान सचिव मनीषा पाटणकर-म्हैस्कर, बृहन्मुंबई नगर निगम आयुक्त इकबाल सिंह चहल सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
शिंदे ने कहा, “मराठी लोगों को मुंबई में कड़ी गर्दन के साथ रहने में सक्षम होना चाहिए। मराठी लोगों को मुंबई से बाहर नहीं जाना चाहिए। मुंबई छोड़ने वाले मराठी लोगों को वापस मुंबई लाने का भी प्रयास किया जाएगा। आज यह विश्व कांग्रेस मुंबई में है।” वास्तव में हमारे मराठी लोगों को एक साथ लाएगा। लाने की शुरुआत है”।
शिंदे ने कहा, “जो भाषा सभी को जोड़ती है, जो भाषा सभी को समाहित करती है और जो भाषा जाति, धर्म, पंथ से परे मानवता को सिखाती है, मानवता की रक्षा करती है, वह भाषा सही मायने में दुनिया बन जाती है और ये सभी गुण हमारे जीवन में बहुत मजबूती से समाहित हैं।” मराठी भाषा। मराठी भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा अतिशीघ्र प्रदान करने के लिए केंद्र से भी प्रयास किया जा रहा है। मराठी भाषा नीति का क्रियान्वयन आवश्यक है तथा सरकार मराठी साहित्य सम्मेलन की अनुदान राशि बढ़ाने के लिए सकारात्मक है।”
उधर,उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जोर देकर कहा कि “जब तक उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था की शिक्षा हमारी मातृभाषा में नहीं होती, तब तक हमारी भाषा एक सार्वभौमिक भाषा नहीं बन सकती। मराठी ज्ञान की भाषा होनी चाहिए।” उपमुख्यमंत्री ने आगे कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई शिक्षा नीति में सभी राज्यों से उच्च शिक्षा को राज्य की भाषा में बनाने की अपील की है. महाराष्ट्र ने उसी के अनुरूप काम शुरू किया है और पहल की है. राज्य सरकार इसके लिए काम कर रही है.’ मराठी को ज्ञान की भाषा बनाओ।”