नई दिल्ली,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 13वें ब्रिक्स सम्मेलन में आतंकवाद के खिलाफ साझा प्रयासों से लड़ने की अपील की। मोदी ने कहा कि ब्रिक्स ने New Development Bank, Contingency Reserve Arrangement और Energy Research Cooperation Platform जैसी मजबूत संस्थाओं का सृजन किया है। निसंदेह, गर्व करने के लिए हमारे पास बहुत कुछ है। मगर यह भी महत्वपूर्ण है कि हम आत्मसंतुष्ट न हों। हमें यह सुनिश्चित करना है कि ब्रिक्स अगले 15 वर्षों में और परिणामदायी हो। भारत ने अपनी अध्यक्षता के लिए जो थीम चुना है, वह यही प्राथमिकता दर्शाता है – “BRICS at 15: Intra-BRICS Cooperation for Continuity, Consolidation and Consensus”.ये चार C , एक प्रकार से हमारी ब्रिक्स भागीदारी के मूल सिद्धांत हैं। इस वर्ष, COVID कि विवशताओं के बावजूद, 150 से अधिक ब्रिक्स बैठकें और कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें से 20 से अधिक मंत्री स्तर पर थे।
समिट में रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने अफगानिस्तान संकट के लिए अमेरिकी सेनाओं के हटने को जबाबदायी बताया और कहा कि अभी भी यह साफ नहीं है कि इससे रीजनल और ग्लोबल सिक्योरिटी पर इसका क्या असर है। गौरतलब है 13वीं ब्रिक्स समिट का इस बार भारत आयोजक है। मोदी ने इसकी अध्यक्षता की। समिट में ब्राजील के राष्ट्रपति बोल्सोनारो, रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति रामाफोसा शामिल हुए। मोदी दूसरी बार ब्रिक्स समिट की अध्यक्षता कर रहे हैं। इससे पहले वे 2016 में गोवा में हुई ब्रिक्स समिट की अध्यक्षता कर चुके हैं।