पूनावाला ने बताया कैसे कम समय में लॉन्च कर दी कोविशील्ड नहीं लगाना पड़ा किसी को मस्का

नई दिल्ली, एक ऐसा भी समय था जब वैक्सीन बनाने वालों की जिंदगी बहुत मुश्किल थी। वैक्सीन लांच कर परमिशन करने के लिए उन्हें ब्यूरोक्रेट्स और ड्रग कंट्रोलर्स के पैर तक छूने पड़ते थे। लेकिन नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद चीजें काफी आसान हो गई हैं। ये बातें सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के चेयरमैन और अदार पूनावाला के पिता डॉ. साइरस पूनावाला ने शुक्रवार को कहीं। साइरस पूनावाला को हाल ही में लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। इसके बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दिल खोलकर तारीफ की है। अफसरों को खुश करने के लिए मस्का पॉलिश शब्द का इस्तेमाल करते पूना ने कोविशील्ड की सक्सेज के पीछे का राज भी बताया। उन्होंने कहा कि सीरम कोवीशील्ड इतनी जल्दी इसलिए लांच हो गई, क्योंकि उन्हें किसी ड्रग अफसर को मस्का नहीं लगाना होता था। ड्रग कंट्रोलर अफसर ऑफिशियल समय के बाद भी जवाब देते थे। इसके चलते वैक्सीन लांच करने के लिए किसी का मुंह नहीं देखना पड़ा। गौरतलब है कि पुणे की सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया सालाना उत्पादन के लिहाज से दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता कंपनी है। यह कंपनी सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया में भी सबसे ज्यादा दवाएं उपलब्ध करा रही है। बता दें कि साइरस पूनावाला फोर्ब्स द्वारा साल 2020 में आई सबसे अमीर भारतीयों की लिस्ट में छठवीं पायदान पर थे। वह 2021 में भी फोर्ब्स की बिलिनेयर लिस्ट में थे। साइरस पूनावाला ने साल 1966 में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की स्थापना की थी। उन दिनों की यादों को ताजा करते हुए उन्होंने कहा कि जब वैक्सीन इंडस्ट्री काम करने की बिल्कुल अलग जगह थी। इस दौरान उन्होंने बहुत सी तकलीफें झेलीं। बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए ब्यूरोक्रेट्स की इजाजत लेने में हालत खराब हो जाती थी। उन्होंने कहा कि मुझे यह कहना तो नहीं चाहिए, लेकिन ट्रांसपोर्ट और कम्यूनिकेशन जैसी सुविधाएं हासिल करना एक बड़ा चैलेंज था। मेरे स्टाफ और साथी निदेशकों को ऐसी तमाम चुनौतियों का सामना करना पड़ा। साइरस पूनावाला ने कहा कि यह एक लंबी और दर्दभरी यात्रा थी। लेकिन अब इसका सुफल मिल रहा है। मोदी सरकार में लाल फीताशाही पर लगाम लग चुकी है। साइरस पूनावाला ने अपना अवॉर्ड अपनी स्वर्गवासी पत्नी विल्लू को समर्पित किया। उन्होंने कहा कि आज तक अमेरिका और ब्रिटेन में उन्हें कई अवॉर्ड मिले हैं, लेकिन लोकमान्य तिलक अवॉर्ड उनके लिए बहुत खास है। बता दें कि कोरोना और इसके बाद वैक्सीन बनाने के साथ ही सीरम घर-घर में जाना जाने वाला नाम बन गया है। यह कंपनी पिछले कई साल से पोलियो, डिप्थीरिया, टिटनस, मीजल्स, मम्प्स और रुबेला जैसे टीके बनाती रही है। वर्तमान सीईओ अदार पूनावाला ने कंपनी को लेकर कई बड़े प्लान बनाए हैं और नई यूनिटें खोलने के लिए करोड़ों रुपए का निवेश किया हुआ है। कोविशील्ड वैक्सीन को बनाने के लिए इस कंपनी को सरकार की तरफ से हर जरूरी मदद मिली है।

 

 

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