नई दिल्ली,अंर्तकलह से जूझ रही कांग्रेस ने संगठन को मजबूत करने की योजना तैयारी की है। आने वाले दिनों में कांग्रेस में महाबदलाव होता दिख सकता है। कई राज्यों में आपसी खींचतान से जूझ रही पार्टी को स्थिर करने के लिए प्रदेशाध्यक्ष से लेकर कई अहम पदों पर बदलाव की योजना है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस चुनावी राज्यों को पहले प्राथमिकता देगी।
बीते दिनों कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पंजाब, बिहार और उत्तराखंड के नेताओं को बुलाकर विस्तृत चर्चा की थी। इसके अलावा आला नेतृत्व राजस्थान, छत्तीसगढ़, बिहार, महाराष्ट्र जैसे कई राज्यों के लिए पूरी योजना तैयार कर ली है। राजस्थान, पंजाब और छत्तीसगढ़ में जारी घमासान के बीच बाकी राज्यों को लेकर भी कांग्रेस सतर्क हो गई है। कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व अपने नेताओं के साथ बातचीत कर रहा है। जिसमें अलग-अलग पक्ष सुनने को मिल रहे हैं। स्वास्थ्य समस्याओं से परेशान सोनिया गांधी के स्थान पर जल्द ही कांग्रेस को कोई नया अध्यक्ष भी मिल सकता है। हाल ही में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ नेता कमलनाथ को कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने के कयास लगाए जा रहे थे।
संसद के मॉनसून सत्र के बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए कांग्रेस कार्य समिति की बैठक बुलाई जाएगी। इसके अलावा पंजाब में प्रदेशाध्यक्ष सहित कई बदलाव होने वाले हैं। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक 2-3 दिनों के भीतर ही पंजाब कांग्रेस को लेकर कोई अहम निर्णय आ सकता है। किसे पार्टी प्रदेश अध्यक्ष दिया जाएगा ? इस पर अभी अंतिम फैसला नहीं किया गया है। समझा जाता है पंजाब कांग्रेस में लंबे समय से छिड़ी रार अब शायद खत्म हो जाए। आखिरकार सिद्धू प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनाने को तैयार हो गए है। नए फॉर्मुले के मुताबिक, राज्य में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष का पद अब नवोजत सिंह सिद्धू को मिलेगा तो वहीं, कैप्टन अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री बने रहेंगे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह जानकारी हरीश रावत ने दी है। हरीश रावत कांग्रेस आलाकमान की ओर से पंजाब कलह को सुलझाने के लिए बनाई गई सुलह कमेटी के सदस्य हैं। उन्होंने बताया कि फॉर्मुला के मुताबिक, दो प्रदेश कार्यकारी भी बनाए जा सकते हैं। इनमें से एक हिंदू सवर्ण समुदाय से होगा और एक दलित समुदाय से बनाने की तैयारी है। खबर के मुताबिक, कैप्टन अमरिंदर सिंह मुख्यमंत्री बने रहेंगे। हरीश रावत ने कहा कि अमरिंदर और सिद्धू ने यह माना है कि उनका साथ रहना जरूरी है। पंजाब में अब कोई शिकवा नहीं है। हाल में सिद्धू की ओर से किए गए ट्वीट्स को लेकर हरीश रावत ने कहा कि उनका अंदाज-ए-बयां ही कुछ ऐसा है कि तारीफ भी आलोचना लगती है। इसे तो नहीं बदला जा सकता। बता दें कि सिद्धू ने दो दिन पहले अपने कुछ ट्वीट्स में आम आदमी पार्टी की तारीफों के पुल बांधे थे, जिसके बाद उनके कांग्रेस छोड़ने की अटकलें तेज हो गई थी।