मुंबई,महाराष्ट्र कैबिनेट की आज हुई बैठक में महाराष्ट्र भूमि राजस्व संहिता, 1966 की धारा 220 में संशोधन को मंजूरी दी गई। बैठक की अध्यक्षता मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने की। इन सुधारों के परिणामस्वरूप, लगभग 4,849 एकड़ परती भूमि, जो सरकारी बकाये के कारण नीलाम कर दी गई थी तथा सरकार के पास जमा कर दी गई थी, किसानों को वापस कर दी जाएगी। इस संबंध में संशोधन विधेयक प्रस्तुत करने को मंजूरी दी गई। कर या इसी तरह के बकाया का भुगतान न करने पर ऐसी जमीनों की नीलामी कर दी जाती है और महाराष्ट्र भूमि राजस्व संहिता, 1966 की धारा 220 के अनुसार सरकार को बकाया के रूप में जमा कर दिया जाता है। कानून में ऐसी भूमि का बकाया और उस पर ब्याज मूल खातेदारों को लौटाने का प्रावधान है, यदि इसका भुगतान 12 वर्षों के भीतर कर दिया जाए। हालाँकि, 12 वर्ष की अवधि पूरी होने के बाद ऐसी भूमि को मूल मालिकों को वापस करने का कोई प्रावधान नहीं था। अब, मंत्रिमंडल ने महाराष्ट्र भूमि राजस्व संहिता, 1966 की धारा 220 में प्रावधान को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत ऐसी जमीनों को मूल खातेदारों या उनके उत्तराधिकारियों को प्रचलित बाजार मूल्य का 25 प्रतिशत वसूल कर वापस किया जाएगा। यह विधेयक विधानमंडल के आगामी सत्र में प्रस्तुत किया जाएगा।