उप्र में आलू बीज की विक्रय दरों में 1000 रुपये की कमी की गई

 

लखनऊ, प्रदेश के उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार एवं कृषि निर्यात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ प्रदेश के किसानों के हितों का ध्यान रख रहे है, उन्हें किसी प्रकार की समस्या न हो इसलिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से अनुदान देने की व्यवस्था की गई है। योगी सरकार ने प्रदेश के किसानों एवं आलू उत्पादकों के हित को दृष्टिगत रखते हुए वर्ष 2023-24 के लिए आलू बीज वितरण व विक्रय की दरें निर्धारित करने में महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में राजकीय आलू बीज की उपलब्धता कृषकों को सुगम बनाए जाने के उद्देश्य से प्रदेश के किसानों को बीजोत्पादन के लिए विक्रय हेतु विभागीय दरों में 1000 रुपये प्रति कुन्तल की दर से कमी करके विक्रय दर निर्धारित कर दी गई है।
उद्यान मंत्री ने बताया कि निर्धारित दरों के अनुसार अब आधारित प्रथम आलू 2325 रूपये प्रति कुंतल, आधारित द्वितीय आलू 1915 रूपये प्रति कुंतल, ओवर साइज (आधारित प्रथम) 1655 रूपये प्रति कुंतल, ओवर साइज (आधारित द्वितीय) 1600 रूपये प्रति कुंतल तथा आधारित प्रथम आलू (ट्रूथफुल) 1570 रूपये प्रति कुंतल बीज हो गया है। सफेद एवं लाल आलू प्रजातियों की बीज विक्रय दरें एक समान है। उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग द्वारा प्रदेश के किसानों को नकद मूल्य पर आधारित प्रथम, द्वितीय तथा प्रमाणित आलू बीज उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इन दरों पर प्रदेश के कृषक अपने जनपदीय उद्यान अधिकारी से नकद मूल्य पर बीज प्राप्त कर आलू बीज का उत्पादन कर सकते हैं। यह आलू बीज आधारित प्रथम, आधारित द्वितीय तथा प्रमाणित श्रेणी का है, इससे आगामी वर्षों के लिए बीज तैयार किया जा सकता है, जिससे प्रदेश में आलू के गुणवत्तायुक्त बीज की कमी की पूर्ति होगी। प्रदेश के किसान भाई जनपद के उद्यान अधिकारी से मिलकर निर्धारित दरों पर आलू बीज प्राप्त कर अपने निजी प्रक्षेत्रों पर बीज उत्पादन कर सकते हैं।
उद्यान मंत्री ने बताया कि प्रदेश में लगभग 6.94 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में आलू की बुवाई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। विभाग लगभग 42 हजार कुन्तल आधारित श्रेणी का आलू बीज किसानों में बीज उत्पादन के लिए वितरित करेगा। जिससे किसानों द्वारा अग्रेतर श्रेणी का बीज उत्पादन कर प्रदेश में गुणवत्तायुक्त बीज की कमी को पूरा करने में सहभागी हो सकते हैं। गुणवत्तायुक्त प्रमाणित आलू बीज से प्रदेश के आलू उत्पादन में वृद्धि होगी।

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