भोपाल, कांग्रेस प्रवक्ता सुरेन्द्र राजपूत ने आज कहा कि मप्र की शिवराज सिंह के नेतृत्व वाली सरकार में बच्चे बौने पैदा होने लगे, यह कांग्रेस नहीं कह रही है, ये पोषण ट्रैकर और जन अभियान आंदोलन पोर्टल की रिपोर्ट कह रही है। शिवराज जी आप ही ने तो कहा था कि ‘‘कुपोषण मेरे माथे पर कलंक हैं’’ फिर वह कलंक अभी तक साफ क्यों नहीं हुआ, कलंक लगातार बढ़ क्यों रहा है?
प्रदेश के 66 लाख बच्चों में 6 साल तक के 51 प्रतिशत बच्चे बौने क्यों हैं, जबाव देना होगा? ये बच्चे आने वाले कल के भाग्य विधाता हैं। अगर इन बच्चों का बचपन ही कुपोषित होगा तो मामा शिवराज इनकी बीमार जवानी मप्र के कैसे काम आयेगी। आपके राज में बच्चों का शरीर बढ़ने के बजाय बौना क्यों होता जा रहा है। ऐसा लगता है कि मामा की आंख का पानी मर गया है? आपको माओं की गोद में रोते बिलखते बच्चे नहीं दिख रहे हैं? क्या आपका दिल नहीं पसीज रहा है या आपको दृष्टिदोष हो गया है। राजपूत आज पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा पिछले आठ माह में मप्र में 31 हजार से ज्यादा बच्चे कुपोषित पाये गये हैं। जिसमें 21 हजार से बच्चे ज्यादा गंभीर रूप से कुपोषित हैं और विडंबना देखिए कि सितम्बर माह देश भर में पोषण माह बनाया गया। क्या ‘‘हाथी के दांत खाने के और दिखाने के और है।’’
एक तरफ तो महिला एवं बाल विकास मंत्रालय मप्र को कुपोषण मुक्त राज्य बनाने में बजट की कमी न होने देने का दावा करता हैं, वहीं दूसरी और प्रत्येक आंगनबाड़ी को मात्र 125 रूपये दिया जाता है। एक जिले को मात्र 13 हजार रूपये दिये जाते हैं जबकि जरूरत 08 लाख रूपये की है। मामा 08 लाख की जगह सिर्फ 13 हजार रूपये? इसी बात से आपकी सरकार की गंभीरता का पता चलता हैं। सरकार के विज्ञापनों में करोड़ों रूपये खर्च और बच्चों के लिए इतनी छोटी रकम? शिवराज जी श्योपुर में टेक होम राशन स्कीम भी आप बंद कर चुके हैं, गरीब जिला है क्या खायेगा?