भोपाल,मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि विद्यार्थियों की स्वाभाविक प्रतिभा को प्रकट करना शिक्षा का उद्देश्य और शिक्षकों का धर्म है। स्कूल शिक्षा का “अनुगूंज” कार्यक्रम इस उद्देश्य को बखूबी पूरा करता है। यहाँ पर लगाई गई प्रदर्शनी में बच्चों की कलाकृतियाँ देख कर मैं अभिभूत हूँ। उनके द्वारा बनाये गये मिट्टी के खिलौने, पेंटिंग्स, फोटोग्राफ्स और अन्य कलाकृतियाँ अद्भुत हैं। ये बच्चे श्रेष्ठ फोटोग्राफर, कलाकार, वैज्ञानिक, संगीतकार आदि बनेंगे। मुख्यमंत्री चौहान सोमवार को शासकीय सुभाष उत्कृष्ट विद्यालय में स्कूल शिक्षा विभाग के दो दिवसीय “अनुगूंज” कार्यक्रम के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे।
चौहान ने कहा कि प्रदेश में नई शिक्षा प्रणाली लागू हुई है। हम शिक्षा के क्षेत्र में नया इतिहास रचेंगे। पहले मध्यप्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में देश में 17वें स्थान पर था, अब 5वें स्थान पर आ गया है। मध्यप्रदेश में सरकारी स्कूलों के बच्चे हर क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं। मध्यप्रदेश में वह दिन भी आयेगा जब लोग अपने बच्चों को निजी स्कूलों से निकाल कर सरकारी स्कूलों में डालेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में शीघ्र ही स्कूल शिक्षा एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग में 50 हजार शिक्षकों की भर्ती होगी। इन्हें सम्मानजनक पारिश्रमिक एवं अन्य सुविधाएँ दी जायेंगी। अगले 3 वर्षों में सीएम राइज स्कूल अन्य विद्यालयों को मात कर देंगे।
चौहान ने विद्यार्थियों से कहा कि बच्चे बड़े से बड़ा काम कर सकते हैं। स्वामी विवेकानंद जी कहते थे कि हम साधारण मानव नहीं, ईश्वर के अंश हैं, अनंत शक्तियों के भण्डार हैं। अपनी शक्तियों को पहचानो। शिक्षा व्यक्ति की आंतरिक क्षमता को प्रकट करने का अवसर प्रदान करती है।
चौहान ने कहा कि प्रदेश में 12वीं कक्षा में 75 प्रतिशत और उससे अधिक अंक लाने वाले विद्यार्थियों को लेपटॉप दिया जा रहा है, साथ ही ऐसे विद्यार्थियों को विभिन्न प्रोफेशनल कोर्सेस में प्रवेश पर उनकी उच्च शिक्षा की फीस भी सरकार भर रही है। चौहान ने अभिभावकों से कहा कि वे बच्चों को केवल पढ़ाई के लिये ही न कहे, बल्कि उनकी रूचि अनुसार खेल-कूद एवं कला के क्षेत्र में भी प्रेरित करें। चौहान ने बच्चों के साथ मिल कर नारे लगाये- “हम खेलेंगे कूदेंगे-आसमान को छू लेंगे हम पढ़ेंगे-लिखेंगे आसमान को छू लेंगे।”
सीहोर जिले में शिक्षक कर रहे हैं अनूठा नवाचार
चौहान ने कहा कि मुझे यह बताते हुए गर्व महसूस हो रहा है कि सीहोर जिले के शिक्षक मिल कर एक अनूठा नवाचार कर रहे हैं। उनके द्वारा यह संकल्प लिया गया है कि जिले के सभी शासकीय विद्यालयों में स्मार्ट क्लॉस बने। इसके लिये शिक्षक अपने स्तर पर राशि एकत्र कर रहे हैं और ग्रामीणों से भी मदद ले रहे हैं। उनका प्रयास है कि बिना सरकारी मदद के सभी स्कूलों में टेलीविजन लगा कर स्मार्ट क्लॉस बनाई जाये। यह एक क्रांति है और शिक्षकों की ललक है, जो सरकारी स्कूलों में शिक्षा को आगे बढ़ा रहे हैं।