लखनऊ,चिकित्सा इकाईयों में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा ‘नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैण्डर्ड‘ के अन्तर्गत नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेशन वर्ष 2013 में प्रारम्भ किया गया। उक्त सर्टिफिकेशन हेतु तीन चरणों में असेसमेंट निर्धारित चेकलिस्ट के माध्यम से किया जाता हैै। अन्तिम चरण का असेसमेंट भारत सरकार द्वारा नामित राष्ट्रीय स्तर पर इम्पैनल्ड एक्सटर्नल असेसर्स द्वारा सघन रूप से किया जाता है। चिकित्सा इकाईयों में मातृ एवं बाल स्वास्थ्य में सुधार एवं प्रमाणीकरण हेतु ‘लक्ष्य‘ सर्टिफिकेशन तथा ‘मुस्कान‘ सर्टिफिकेशन कार्यक्रम भी संचालित किया जा रहा है।प्रमुख सचिव, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पार्थ सारथी सेन शर्मा, ने बताया कि जिला चिकित्सालय श्रेणी में प्रदेश को पूरे राष्ट्र में ‘प्रथम‘ स्थान प्राप्त करने का गौरव प्राप्त हुआ है। उन्होने बताया कि अब तक प्रदेश के 46 जनपदों की 81 चिकित्सा इकाईयाँ छफ। सर्टिफिकेशन प्राप्त कर चुकी हैं जिसमें 43 जनपद स्तरीय, 16 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा 22 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र सम्मिलित हैं। प्रमुख सचिव ने प्रदेश की जनता को आश्वस्त किया कि आगामी समय में अधिक से अधिक चिकित्सा इकाईयों के सर्टिफिकेशन हेतु रणनीति तैयार की जायेगी जिससे कि प्रदेश की जनता गुणवत्तापरक उपचार ‘जीरो पाँकेट खर्च‘ के रूप में हो सके। मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन श्रीमती अपर्णा उपाध्याय, ने बताया कि इसी सप्ताह में जिला महिला चिकित्सालय, ललितपुर ( 82.52 प्रतिशत अंक), प्राथमिक स्वास्थ केंद्र, बरुआसागर, झांसी (88.96 प्रतिशत अंक) जिला चिकित्सालय बाराबंकी (82.00 प्रतिशत अंक) एव पं. दीन दयाल उपाध्याय जिला संयुक्त चिकित्सालय, अलीगढ (82.00 प्रतिशत अंक) द्वारा ‘नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेशन प्राप्त किया गया है।