भोपाल,सीहोर एवं दतिया जिले से सायबर तहसीलें बनाने के पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद इस नवाचार की योजना के द्वितीय चरण को इंदौर, हरदा, डिंडौरी और सागर में लागू किया जा रहा है।
राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि सायबर तहसील लागू करने वाला मध्यप्रदेश देश का इकलौता राज्य है, जिसने इस अभिनव प्रयोग के जरिए लंबित राजस्व प्रकरणों के निराकरण में आशातीत सफलता पाई है। मंत्री श्री राजपूत ने कहा कि द्वितीय पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद हम इसे पूरे राज्य में लागू करने की योजना बना रहे हैं। मंत्री राजपूत ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार की इस अभिनव योजना के बहुत ही सुखद परिणाम आए हैं। राजपूत ने कहा कि हमने अविवादित नामांतरण /बटवारे के प्रकरणों को सरलता से निपटाने के लिए सायबर तहसील का गठन किया था। जिस जिले में सायबर तहसील कार्य करेगी उस जिले के लोगों को अविवादित नामांतरण/बटवारे के प्रकरणों के लिए तहसील कार्यालय जाने की जरूरत नहीं होगी। ऑनलाइन आवेदन कर के ऐसे अविवादित नामांतरण/बटवारे के प्रकरणों का निराकरण हो सकेगा। उन्होंने कहा कि यह मध्यप्रदेश के लिए बहुत बड़ा कदम है।
दूसरे राज्य कर रहे हैं इस योजना का अध्ययन
राजपूत ने बताया कि मध्यप्रदेश के सायबर तहसील की परिकल्पना इतनी बेहतर है कि अन्य राज्यों के राजस्व महकमें का दल इसकी संरचना और कार्यप्रणाली के अध्यन के लिए मध्यप्रदेश आ रहे हैं। उम्मीद है कि आने वाले समय में देश के दूसरे राज्य भी राजस्व प्रकरणों के निराकरण के लिए मध्यप्रदेश की सायबर तहसील के कान्सेप्ट को लागू करेंगे। राजपूत ने कहा कि पायलेट प्रोजेक्ट के सेकेंड फेज की सफलता का आकलन करने के लिए हम 6 महीने तक इसके परिणाम का अध्ययन करेंगे और फिर पूरे प्रदेश में लागू करेंगे।