भोपाल,बाल देख रेख संस्थाओं को छोड़ने वाले 18 वर्ष से अधिक आयु के बालक एवं बालिकाओं को आर्थिक एवं शैक्षणिक सहयोग (आफ्टरकेयर) देकर समाज में पुनर्स्थापित करने और 18 वर्ष की आयु तक के अनाथ बच्चों, जो अपने सम्बंधियों अथवा संरक्षकों के साथ जीवन यापन कर रहे हैं, को आर्थिक सहायता (स्पॉन्सरशिप) उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना आरंभ की गई है। योजना के क्रियान्वयन के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है।
आफ्टर केयर के संदर्भ में बाल देखरेख संस्था में निर्मुक्ति दिनांक के वर्ष को सम्मिलित करते हुए निरंतर 5 वर्ष तक निवासरत बच्चे पात्र होंगे। आफ्टर केयर में आर्थिक सहायता, इंटर्नशिप, व्यवसायिक प्रशिक्षण, शिक्षा के लिए निर्धारित समयावधि अथवा 24 वर्ष की आयु जो भी पहले हो, तक दी जायेगी। उद्योग विभाग द्वारा जिला बाल संरक्षण अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग से प्राप्त सूची में उल्लेखित केयर लीवर्स की योग्यता के अनुसार औद्योगिक संस्थान/ प्रतिष्ठान/ प्रतिष्ठित संस्थाओं की पहचान कर इंटर्नशिप देकर उसी संस्था में यथासंभव रोजगार उपलब्ध करवाया जायेगा। इंटर्नशिप अवधि के दौरान रूपये 5 हजार रूपये प्रतिमाह की आर्थिक सहायता दी जाएगी, जो इंटर्नशिप की अवधि समाप्ति तक या एक वर्ष, जो भी कम हो तक देय होगी। यह सहायता किसी भी दशा में एक वर्ष से अधिक की अवधि के लिए नहीं होगी।
पोलीटेक्निक डिप्लोमा, आईटीआई, पैरामेडिकल पाठ्यक्रम, नर्सिंग, होटल मैनेजमेंट, टूरिज्म, प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री कौशल विकास आदि में दी जाने वाली शासकीय संस्थाओं में व्यावसायिक प्रशिक्षण, संबंधित विभाग के द्वारा निःशुल्क किये जायेंगे। व्यावसायिक प्रशिक्षण अवधि के दौरान 5 हजार रूपये प्रतिमाह की आर्थिक सहायता दी जाएगी, जो व्यावसायिक प्रशिक्षण की अवधि समाप्ति तक या दो वर्ष जो भी कम हो तक देय होगी। किन्तु किसी भी दशा में 2 वर्ष से अधिक की अवधि के लिए नहीं होगी। NEET, JEE या CLAT में प्रवेश परीक्षाओं के आधार पर किसी शासकीय एवं अशासकीय संस्थाओं में प्रवेश करने वाले केयर लीवर्स को अध्ययन अवधि के दौरान 5 हजार रूपये की आर्थिक सहायता प्रतिमाह दी जायेगी एवं पाठ्यक्रम अवधि तक फीस नियामक आयोग द्वारा निर्धारित फीस राज्य शासन द्वारा वहन की जाएगी। केयर लीवर्स की श्रेणी का निर्धारण एवं प्रत्येक श्रेणी में अध्ययन अवधि के दौरान दी जा रही आर्थिक सहायता का निर्धारण मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय समिति द्वारा किया जायेगा।
स्पॉन्सरशिप मध्यप्रदेश के स्थानीय निवासी परिवार के 18 वर्ष से कम उम्र के उन बच्चों के लिए है, जिनके माता-पिता की मृत्यु हो चुकी है और वह रिश्तेदार अथवा संरक्षक की देखरेख में रह रहे हों तथा जो मुख्यमंत्री कोविड 19 बाल सेवा योजना की पात्रता में नहीं आते हैं। ऐसे बच्चे योजना में पात्र होंगे। स्पॉन्सरशिप के तहत पात्र पाये गये प्रत्येक बच्चे को 4 हजार रूपये प्रतिमाह की सहायता न्यूनतम एक वर्ष के लिये दी जाएगी। यह राशि बच्चे एवं रिश्तेदार अथवा संरक्षक के संयुक्त खाते में जमा की जाएगी। बालक अथवा परिवार की आर्थिक समृद्धता में सुधार न होने की स्थिति में न्यूनतम एक वर्ष की अवधि में वृद्धि की जा सकेगी, किन्तु किसी भी स्थिति में अधिकतम 18 वर्ष की आयु के बाद राशि देय नहीं होगी। प्रत्येक बच्चे का आयुष्मान कार्ड भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा बनाया जायेगा। योजना में सभी आवेदन बाल आशीर्वाद पोर्टल www.scps.mp.gov.in पर प्राप्त किए जाएंगे। आवेदन की प्रक्रिया निःशुल्क होगी। योजना का लाभ लेने के लिए जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं जिला बाल संरक्षण अधिकारी (महिला एवं बाल विकास विभाग) से संपर्क किया जा सकता है। समस्त लाभ पोर्टल से दिए जाएंगे।