भोपाल,मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि राज्य सरकार किसान हितैषी सरकार है। संकट की स्थिति में सरकार किसानों के साथ खड़ी है, चाहे प्राकृतिक आपदा हो या बाढ़ जैसे संकट। किसानों की फसलों को हुए नुकसान के बाद आवश्यक राहत देने में कभी देर नहीं की गई। आज भी गत जनवरी माह में ओलावृष्टि से प्रदेश के 26 जिलों में किसानों की फसलों को हुई क्षति के लिए 202 करोड़ 90 लाख रूपए की राशि एक लाख 46 हजार 101 किसानों के खाते में अंतरित की गई है। बीते लगभग दो वर्ष में किसान सम्मान निधि, शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण और अन्य सभी किसान-कल्याण योजनाओं में कुल पौने 2 लाख करोड़ रूपए किसानों को दिये गये हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज मुख्यमंत्री निवास से किसानों को राहत राशि अंतरित करने के बाद वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा संबोधित कर रहे थे। प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं राजस्व विभाग मनीष रस्तोगी और राजस्व सचिव डॉ. संजय गोयल भी उपस्थित थे।
चौहान ने कहा कि गत माह ओलावृष्टि से हुई फसल क्षति के बाद राजस्व विभाग, जिला प्रशासन और अन्य विभागों के सहयोग से समय-सीमा में सर्वे कार्य हुआ। ग्रामों में प्रभावित किसानों की सूची तैयार कर सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित की गई। प्रत्येक प्रभावित किसान को राहत राशि देने की व्यवस्था की गई। इन सब कार्यों के लिए सभी संबंधित अधिकारी-कर्मचारी, जन-प्रतिनिधि, किसान भाई-बहन और समाजसेवी बधाई के पात्र हैं। मध्यप्रदेश सरकार किसान के सुख-दुख में सदैव साथ रहेगी। किसानों सहित सभी वर्गों को आवश्यकता पर जरूरी मदद देकर उनका हौसला बढ़ाना सरकार का दायित्व है। इसमें कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी जाएगी।
एक हजार से अधिक ग्रामों में हुई थी ओलावृष्टि
चौहान ने कहा कि प्रदेश के 1074 ग्रामों में ओलावृष्टि से और असामयिक वर्षा से एक लाख 34 हजार 19 हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों को क्षति हुई थी। प्रभावित जिलों में रायसेन, राजगढ़, विदिशा, भिण्ड, ग्वालियर, अशोकनगर, शिवपुरी, दतिया, गुना, धार, झाबुआ, बालाघाट, छिंदवाड़ा, मण्डला, सिवनी, बैतूल, हरदा, सतना, सागर, टीकमगढ़, निवाड़ी, उज्जैन, मंदसौर, नीमच, रतलाम और खण्डवा शामिल हैं। जिलेवार राहत राशि प्रभावितों को देने का कार्य प्राथमिकता से किया गया।
संत रविदास जी के श्लोक का उल्लेख
मुख्यमंत्री ने कहा कि संत रविदास जी की जयंती हमने कल मनाई है। उनके श्लोक स्मरण हम करते हैं, जिसमें उन्होंने कहा है – “ऐसा चाहूँ राज मैं, जहाँ मिले सबन को अन्न, छोट बड़ों सब सम बसे, रविदास रहे सदा प्रसन्न।” मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि ऐसा राज्य होना चाहिए, जिसमें हर मनुष्य को भोजन उपलब्ध हो। बिना भेदभाव के सबको अन्न मिल जाए, इस दिशा में राज्य सरकार सबको लाभान्वित करते हुए कार्य कर रही है। प्रदेश में लगभग 5 करोड़ परिवारों को अनाज वितरण भी किया जा रहा है।
ओले धरती पर नहीं मानो सीने पर गिरे हों
चौहान ने कहा कि जब असमय वर्षा और ओलावृष्टि हुई, तब यही अनुभूति हुई थी कि ओले धरती पर या खेतों पर नहीं गिरे मानो उनके सीने पर गिरे हों। ऐसी घटनाएँ विचलित करती हैं। किसानों को राहत देने के लिए तत्काल प्रभावित क्षेत्रों में जाकर क्षति का जायजा लेने और सर्वे का कार्य किया गया। सर्वे कार्य भी ईमानदारी से हुआ। किसान भी इस प्रक्रिया से संतुष्ट रहे। गत सप्ताह खरीफ 2020 और रबी 2021 के लिए 45 लाख से अधिक किसानों के खातों में बीमा राशि का भुगतान भी कर दिया गया है। फसल बीमा दावा के भुगतान की कुल 7 हजार 669 करोड़ राशि में से अब तक 5 हजार 660 करोड़ रूपए की राशि का भुगतान किया जा चुका है। आज भुगतान की गई राशि एक हजार 665 करोड़ है। शेष 844 करोड़ रूपए की राशि का भुगतान भी आगामी दो दिन में किया जा रहा है। किसानों को चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है। किसानों के हित के लिए इसी तत्परता से कार्य होंगे।
अन्नदाता को कोरोना काल में भी मिली भरपूर राहत
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि करीब दो वर्ष पूर्व कोरोना का आगमन हुआ था। पहली और दूसरी लहर में किसानों के माथे से चिंता की लकीर मिटाते हुए राज्य सरकार ने गेहूँ और धान का रिकार्ड उपार्जन कर किसानों को राशि का भुगतान किया। पहली लहर में विपरीत परिस्थितियों के बाद भी एक करोड़ 29 लाख 42 हजार मीट्रिक टन गेहूँ का उपार्जन किया गया। दूसरी लहर में संक्रमण की रोकथाम के उपायों के साथ पुन: एक करोड़ 28 लाख 15 हजार मीट्रिक टन गेहूँ के साथ ही 45 लाख 85 हजार मीट्रिक टन धान का उपार्जन हुआ। प्रदेश के 17 लाख 16 हजार किसानों से गेहूँ और 6 लाख 61 हजार किसानों से धान खरीदा गया। किसानों को उपार्जित अनाज की राशि का भुगतान प्राथमिकता से किया गया। कोरोना काल में समय पर राशि का भुगतान हो जाने से किसानों को प्रत्यक्ष रूप से राहत मिली।