भोपाल,इस वर्ष 25 मार्च से 2 अप्रैल तक विक्रमोत्सव मनाया जायेगा, जिसमें 2 अप्रैल को उज्जैन का जन्मोत्सव भी मानेगा। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि यह पहली बार होगा कि विक्रमोत्सव कार्यक्रम अखिल भारतीय स्तर पर भी आयोजित होंगे। डॉ. यादव ने कहा कि सम्राट विक्रमादित्य पर केन्द्रित आयोजन प्राय: उज्जैन तक सीमित रहते हैं, जबकि विक्रम कीर्ति सार्वभौमिक रही है। इस वर्ष यह उत्सव प्रदेश एवं देश के अन्य राज्यों में भी किया जायेगा। उन्होंने कहा कि विक्रमादित्य उनके युग तथा भारत विधा पर समागम-व्याख्यान आदि उज्जैन के अतिरिक्त पुणे, बनारस दिल्ली आदि में भी किया जायेगा।
उच्च शिक्षा मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी नगरों, ग्रामों का जन्मोत्सव मनाने की बात कही। गुड़ी पड़वा 2 अप्रैल को उज्जैन नगर का जन्मोत्सव मनाया जायेगा। मंत्री डॉ. यादव ने कहा कि नौ दिवसीय विक्रमोत्सव में नाट्य प्रस्तुतियाँ, सांगीतिक सभाएँ, कवि सम्मेलन, व्याख्यान, चित्र प्रदर्शनी, मूर्ति कला शिविर, पुस्तक प्रकाशन आदि गतिविधियाँ होंगी। उन्होंने कहा कि इस वर्ष विक्रम संवत् पंचांग का स्पेशल फोकस भारत के ऋषि वैज्ञानिकों पर होगा। पंचांग में महात्मा लगध, महर्षि अगस्त्य, महर्षि भारद्वाज, बौधायन, कणाद, भास्कराचार्य आदि ऋषियों के चित्रांकन और भारत की ऋषि वैज्ञानिक परम्परा पर तथ्यात्मक विवरण होगा।
प्रमुख सचिव संस्कृति शिवशेखर शुक्ला ने सुझाव दिया कि इस अवसर पर सम्राट विक्रमादित्य की जीवनी से संबंधित अलग-अलग डाक्यूमेंट्री फिल्म भी बनाकर यू-ट्यूब के माध्यम से आम लोगों तक पहुँचाई जाये। इस वर्ष उज्जैन के अलावा तीन दिवसीय कार्यक्रम इंदौर, भोपाल, अहमदाबाद, आगरा, मथुरा, चंडीगढ़, अयोध्या, बनारस, प्रयागराज, कोलकता, पुणे, हैदराबाद और बैंगलुरु में आयोजित किये जायेंगे।