सीएम ने दिया तकनीकी कार्यों में दक्ष अभियंताओं को गाँव में पदस्थ करने का आदेश

भोपाल,मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश की शहरी और ग्रामीण आबादी को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाने के कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण किया जाए। आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के लिए निर्मित रोडमैप में निर्धारित लक्ष्यों के अनुसार प्रदेश में समस्त नलजल योजनाओं के कार्य सम्पन्न हों। मुख्यमंत्रीचौहान ने कहा कि योजनाओं के बेहतर संधारण के लिए ग्राम इंजीनियर पदस्थ किए जाएँ। उन्होंने वृहद परियोजना के कार्यों में समय पर कार्यों की पूर्णता के लिए संबंधित एजेंसी और अधिकारियों-कर्मचारियों को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि विलंब से होने वाले कार्यों पर जिम्मेदारी तय कर दोषियों के विरुद्ध सख्त कदम उठाए जाएंगे। नलजल योजनाओं का कार्य पूर्ण होने पर ग्रामों में विशेष ग्राम सभा आयोजित कर ग्राम को “हर घर जल” श्रेणी का ग्राम घोषित किया जाएगा। योजना के निर्माण कार्य पूरे होने पर संबंधित पंचायत को योजना हस्तांतरित की जाएगी। ग्राम जल और स्वच्छता समिति के पदाधिकारी ग्रामवासियों से जन-संवाद भी करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी को ऐसी महत्वाकांक्षी और उपयोगी योजना लागू करने के लिए ग्रामवासियों द्वारा आभार-पत्र भी भेजे जायेंगे।
चौहान आज मंत्रालय में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की गतिविधियों की समीक्षा कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि ऐसे स्थान जहाँ जल स्रोत सफल नहीं हैं, वहाँ पाइप लाइन स्थापित करना अनियमितता है। ऐसे प्रकरणों में दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी। विभाग के अभियंता अपने कार्यक्षेत्र में नियमित भ्रमण भी करें। योजनाओं के क्रियान्वयन की सतत् समीक्षा की जाए। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी राज्य मंत्री श्री बृजेंद्र सिंह यादव, मुख्य सचिव श्री इकबाल सिंह बैंस उपस्थित थे।
ग्राम स्तर पर पदस्थ हों तकनीकी जानकार
चौहान ने कहा कि ग्राम स्तर पर ऐसे ग्रामीण इंजीनियर को तैनात किया जाए जो विद्युत कनेक्शन, पेयजल प्रदाय व्यवस्था, सिंचाई पम्पों से संबंधित प्रबंध, आवास निर्माण के तकनीकी पहलुओं आदि की जानकारी रखता हो। पम्प और वाल्व ऑपरेटर का प्रशिक्षण कुछ ही दिनों में दिया जा सकता है। रोजगारविहीन युवाओं को इन कार्यों के लिए तीन छह माह के छोटे प्रशिक्षण कोर्स का लाभ दिलवाकर ग्रामों में पेयजल प्रदाय योजना और अन्य योजनाओं में मेन्टेनेंस का दायित्व सौंपा जाए। मध्यप्रदेश में इस क्षेत्र में एक मॉडल तैयार कर उसके क्रियान्वयन की पहल हो। इसके लिए ग्रामीण विकास विभाग नोडल विभाग की भूमिका का निर्वहन करे। बड़े ग्रामों में एक से अधिक युवक भी यह जिम्मेदारी वहन कर सकते हैं।

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