प्रयागराज, अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी की मौत की जांच का जिम्मा यूपी सरकार ने एसआईटी को सौंपा है। एसआईटी में 18 सदस्य होंगे जो इस मामले की जांच करने वाली है। अलबत्ता पुलिस गिरी के शिष्य आनंद गिरी को इस मामले में पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। ये गिरफ्तारी सुसाइड नोट के आधार पर हुई है। क्योंकि इसमें ये बात लिखी गई है कि एक दो दिन में आनंद गिरी कंप्यूटर के माध्यम से मोबाइल से किसी लड़की या महिला के साथ गलत काम करते हुए मेरा फोटो वायरल कर देगा। तब मै कैसे और कहाँ सफाई देता रहूँगा।
सरकार ने एसआईटी की कमान प्रयागराज सिटी के सीओ अजीत सिंह चौहान को दी है। जिसमें दो सीओ, 4 इन्स्पेक्टर, 3 सब इंस्पेक्टर सहित कुल 18 पुलिस कर्मी सम्मलित हैं। एसआईटी का काम यह देखना है कि यह मामला हत्या या ख़ुदकुशी में से किसका है। यह बात और है कि इस मामले की अब तक जांच आत्महत्या के कोण से ही हो ही है। उधर,महंत नरेंद्र गिरी के सुसाइड नोट में शिष्य आनंद गिरी पर ही आरोप लगे हैं। इसमें उन्होंने लिखा कि मैंने 13 सितंबर को आत्महत्या का प्रयास किया लेकिन हिम्मत नहीं जोड़ सका था। उन्होंने लिखा मैं जिस पद पर हूं वो गरिमा का पद है। सच्चाई तो लोगों को बाद में पता चल जाएगा। लेकिन मैं बदनाम हो जाऊंगा। इसलिए मैं आत्महत्या करने जा रहा हूं। जिसकी जिम्मेदारी आनंद गिरी, आद्या तिवारी और संदीप तिवारी की रहेगी।