भोपाल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि स्व-सहायता समूह से जुड़ी प्रत्येक महिला की आय में 10 हजार रूपए प्रतिमाह की बढ़ोत्तरी हो। आप मेहनत और प्रमाणिकता के साथ अपना काम करें, आगे बढ़ें सरकार हर कदम पर आपके साथ है। महिला स्व-सहायता समूहों को सुदृढ़ करने के लिए इस वर्ष 2550 करोड़ रूपये बैंक ऋण उपलब्ध कराने का लक्ष्य राज्य सरकार द्वारा निर्धारित किया गया है। राशन (पीडीएस) की दुकानें संचालित करने की जिम्मेदारी भी अब स्व-सहायता समूहों को दी जाएगी। इसके साथ ही स्व-सहायता समूहों के आय स्तर में वृद्धि के लिए श्रेष्ठ काम करने वाले क्लस्टर लेवल फेडरेशन को एक करोड़ रूपए का ईनाम दिया जाएगा। भोपाल स्थित भोपाल हाट में समूहों के उत्पादों की बिक्री के लिए आजीविका मार्ट की स्थापना की जाएगी। व्यापार बढ़ाने के लिए ऑनलाइन कॉमर्स पोर्टल के साथ भी लिंकेज किया जाएगा। महिला समूह के लिए सिंघाड़ा और मछली के व्यापार के लिए विशेष परियोजना बनाई जाएगी। समूहों के सभी पात्र सदस्यों को आयुष्मान कार्ड उपलब्ध कराए जाएंगे। मुख्यमंत्री आज राज्य स्तरीय महिला स्व-सहायता समूह के उन्मुखीकरण एवं संवाद कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
स्व-सहायता समूह की भूमिका पर केन्द्रित प्रदर्शनी
मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित कार्यक्रम कन्या-पूजन और मध्यप्रदेश गान के वादन से आरंभ हुआ। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने सदी की भीषणतम महामारी कोरोना वायरस का सामना करने में स्व-सहायता समूहों द्वारा निभाई गई भूमिका पर केंद्रित प्रदर्शनी का अवलोकन किया। मुख्यमंत्री ने आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण में स्व-सहायता समूह की भूमिका पर केन्द्रित प्रदर्शनी भी देखी। कार्यक्रम में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री महेन्द्र सिंह सिसोदिया, पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री रामखेलावन पटेल, जन-प्रतिनिधि तथा विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
राज्य सरकार देगी 1050 करोड़ की सहायता
चौहान ने कहा कि स्व-सहायता समूहों को विभिन्न गतिविधियों के लिए राज्य सरकार की ओर से 1050 करोड़ रूपए की सहायता दी जाएगी। बैंक ऋण पर स्व-सहायता समूहों को 4 प्रतिशत ब्याज ही देना होगा। शेष ब्याज राज्य सरकार की ओर से भरा जाएगा।
महिलाओं का सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक, राजनैतिक सशक्तिकरण आवश्यक
चौहान ने महिला स्व-सहायता समूह की मुख्यमंत्री निवास आईं सभी सदस्यों को राखी की बधाई दी। उन्होंने कहा कि महिलाओं के प्रति मान-सम्मान और समानता का व्यवहार आवश्यक है। मैं मुख्यमंत्री के रूप में इस भाव से कार्य कर रहा हूँ कि कैसे अपनी माता-बहनों, बेटियों की प्रगति, कल्याण और उन्हें सशक्त बनाने के रास्ते को सरल बना सकूँ। महिलाओं का सामाजिक, शैक्षणिक, आर्थिक, राजनैतिक सशक्तिकरण आवश्यक है। इसी उद्देश्य से राज्य के सभी नगरीय निकायों और पंचायतों के चुनावों में 50 प्रतिशत सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की गई हैं। शिक्षा का क्षेत्र हो या खेल का क्षेत्र, सभी दिशाओं में महिलाएँ उपलब्धियाँ अर्जित कर रही हैं। महिलाओं का आत्म-विश्वास और सामाजिक चेतना बढ़ी है। अन्याय के खिलाफ संघर्ष की क्षमता भी बढ़ी है। परिवार और समाज का महिलाओं के प्रति दृष्टिकोण भी बदला है।
मल्टीग्रेन आटा, सरसों, मूंगफली का तेल, अदरक-लहसुन पेस्ट, बेसन, दलिया किया लाँच
चौहान ने कहा कि प्रदेश की गरीब और निम्न, मध्यम वर्ग की बहनों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए आजीविका मिशन रामबाण है। आजीविका मिशन से बड़ा कोई ब्राण्ड नहीं हो सकता, यह शुद्धता की गारंटी है। इसके उत्पादों की “सौ फीसदी शुद्धता” के आधार पर ब्रांडिंग की जाना चाहिए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आजीविका मार्ट पोर्टल पर कच्ची घानी सरसों का तेल, मूंगफली का तेल, अदरक-लहसुन पेस्ट, बेसन, दलिया और मल्टीग्रेन आटे की ब्रांडिंग की शुरूआत की। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इन उत्पादों का उपयोग करने के लिए जन-सामान्य को प्रेरित किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि स्व-सहायता समूहों की गतिविधियों से आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश का लक्ष्य प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
बिचौलियों से सावधानी जरूरी
चौहान ने स्व-सहायता समूह की सदस्यों को बिचौलियों से सावधान रहने और लालच में नहीं आने की सलाह दी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि बहनों द्वारा निर्णय लेने और क्रय-विक्रय की प्रक्रिया जितनी स्वतंत्र, पारदर्शी और सशक्त होगी, स्व-सहायता समूह उतने ही अधिक मजबूत होंगे। मिशन द्वारा दिए जा रहे प्रशिक्षण, सहयोग और मार्गदर्शन से लाखों परिवारों की गरीबी दूर हुई है।