ड्रोन निर्माण उद्योग से 10,000 से अधिक रोजगार मिलने की उम्मीद

 

नई दिल्ली,केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज यहां एक संवाददाता सम्मेलन में पीएलआई योजना की महत्वपूर्ण विशेषताओं से मीडिया को अवगत कराया। उन्होंने कहा कि पीएलआई योजना के तहत 120करोड़ रुपए अगले 3साल में दिए जाएंगे। यह राशि मेन्युफेक्चरिंग ड्रोन क्षेत्र के संयुक्त आकार का 1.5गुना है। तीन साल की अवधि में, मेन्युफेक्चरिंग क्षेत्र के ड्रोन के लिए 5,000करोड़ रुपये का अनुमानित निवेश किया जाएगा, जो बदले में 900करोड़ रुपये का कारोबार लाएगाऔर 10,000रोजगार के अवसर पैदा होंगे। उन्होंने आगे कहा कि हमारा उद्देश्य 2030तक भारत को एक वैश्विक ड्रोन हब के रूप में स्थापित करना है और नागरिक उड्डयन मंत्रालय उपरोक्त लक्ष्य को प्राप्त करने में उद्योग, सर्विस डिलिवरी और उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए प्रतिबद्ध है।

ड्रोन के लिए पीएलआई योजना, 2021की 15विशेषताएं-

1. ड्रोन और ड्रोन संबंधी सामग्री के लिए पीएलआई योजना के तहत तीन वित्‍त वर्ष के लिए आवंटित कुल राशि 120करोड़ रुपये है। यह राशि वित्त वर्ष 2020-21में सभी घरेलू ड्रोन निर्माताओं के संयुक्त कारोबार का लगभग दोगुना है।

2. ड्रोन और ड्रोन घटकों के निर्माता के लिए प्रोत्साहन उसके द्वारा किए गए मूल्यवर्धन के 20प्रतिशत जितना अधिक होगा।

3. मूल्यवर्धन की गणना ड्रोन और ड्रोन घटकों से वार्षिक बिक्री राजस्व (शुद्ध जीएसटी) घटाकर ड्रोन और ड्रोन घटकों की खरीद लागत (शुद्ध जीएसटी) के रूप में की जाएगी।

4. सरकार, सभी तीन वर्षों के लिए पीएलआई दर को 20प्रतिशत पर स्थिर रखने के लिए सहमत हो गई है, केवल ड्रोन उद्योग के लिए एक असाधारण छूट दी गई है। अन्य क्षेत्रों के लिए पीएलआई योजनाओं में, पीएलआई दर हर साल कम हो जाती है।

5. पीएलआई योजना का प्रस्तावित कार्यकाल तीन साल का है जो वित्त वर्ष 2021-22में शुरू होने वाला है। उद्योग के परामर्श से इसके प्रभाव का अध्ययन करने के बाद पीएलआई योजना को बढ़ाया या फिर से तैयार किया जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *