रायपुर,मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज नंदिनी की खाली पड़ी माइंस में बने विशाल मानव निर्मित जंगल का अवलोकन किया। यह देश में पर्यावरण की मानव निर्मित विशाल धरोहर दुर्ग जिले के नंदिनी की खाली पड़ी माइंस में बनी है। यहां विशाल मानव निर्मित जंगल विकसित किया गया है। लगभग 3.30 करोड़ रुपए की लागत से यह प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। आज जन वन कार्यकम में मुख्यमंत्री बघेल ने यहाँ बरगद का पौधा लगाया और जंगल का अवलोकन किया। उल्लेखनीय है कि इसके लिए डीएमएफ तथा अन्य मदों से राशि ली गई है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देश पर पर्यावरण संरक्षण के लिए यह प्रोजेक्ट तैयार किया गया। यह प्रोजेक्ट देश दुनिया के सामने उदाहरण है कि किस तरह से निष्प्रयोज्य माइंस एरिया को नेचुरल हैबिटैट के बड़े उदाहरण के रूप में बदला जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि पर्यावरण को संरक्षित करने यह प्रशंसनीय कदम है। यहां 100 एकड़ में औषधीय पौधे तथा फलोद्यान भी विकसित करें। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिये ये बड़ी पहल है। इससे प्रदूषण को नियंत्रित करने में भी मदद मिलेगी।
वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री तथा दुर्ग जिले के प्रभारी मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि हमने प्रकृति को सहेजने बड़े निर्णय लिए। चाहे लेमरू प्रोजेक्ट हो या नदियों के किनारे प्लांटेशन, प्रकृति को हमने हमेशा तवज्जो दी। यहां मानव निर्मित जंगल का बड़ा काम हुआ है। मैं इसके लिए क्षेत्र की जनता को बधाई देता हूँ।
खाली पड़ी खदान पर मानव निर्मित जंगल बनाने का कार्य प्रशंसनीय
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