भोपाल, मप्र कांग्रेस की जाँच समिति ने खरगोन के बिस्टान में पुलिस की पिटाई से आदिवासी की मौत पर सरकार से एक करोड़ का मुआवजा माँगा है। समिति ने सीबीआई से इस मामले की जाँच कराने की मांग भी की है। गौरतलब है बिस्टान थाना क्षेत्र के खैरकुड़ी गांव के आदिवासी युवक बिसन की हत्या पुलिस की मारपीट से 6 और 7 सितम्बर की दरम्यानी रात हुई थी। जिस पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने पूर्व मंत्री एवं विधायक सुश्री डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ के नेतृत्व में एक जांच समिति का गठन किया था। समिति में विधायकगण सर्वश्री ग्यारसीलाल रावत, पांचीलाल मेड़ा, बालसिंह मेड़ा, मुकेश पटेल को सदस्य बनाया गया था। समिति के साथ विधायक रवि जोशी, विधायक एवं जिला कांग्रेस अध्यक्ष श्रीमती झूमा सोलंकी और विधायक केदार डाबर ने 9 सितम्बर को मृतक के गांव खैरकुंडी पहुंचकर ग्रामवासियों एवं मृतक के परिजनों से मुलाकात की और घटना की विस्तृत जांच की।
जांच का ब्यौरा देते हुए सुश्री डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ने पत्रकार वार्ता के माध्यम से बताया कि बीते 31 अगस्त 2021 को पुलिस ने बिसन को जांच के लिये थाने बुलाया। थाने में बिसन के साथ मारपीट की गई। मृतक के पुत्र मिथुन ने कांग्रेस की जांच समिति को बताया जब वह थाने गया तो उसे अपने पिता बिसन को भोजन देने से रोक दिया गया। मिथुन ने बताया कि उसके सामने ही बिसन को बेल्ट और पाईप से थाने के अलग-अलग कमरों में ले जाकर बुरी तरह पीटा गया। बिसन को चार दिन तक खाना नहीं दिया गया। गांव के सरपंच और पटेल ने भी मारपीट की पुष्टि की। पटेल ने कहा कि पुलिस की मारपीट के कारण ही बिसन की मृत्यु हुई। बिसन के पिता हाबू ने जांच कमेटी को बताया कि बिसन की जांघ और कूल्हों पर मारपीट के गहरे निशान देखे गये। बिसन को इतना ज्यादा पीटा गया था कि शरीर से उसकी खाल उतर गई थी और जख्मों से उसका मांस बाहर निकल आया था।
सुश्री साधौ ने बताया कि जांच कमेटी इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि बिसन की मृत्यु पुलिस प्रताड़ना से हुई है। उन्होंने कहा कि पुलिस अधीक्षक का यह दावा कि बिसन को पुरानी चोटें थी, स्वीकार करने योग्य नहीं है। यदि उसे चोटे पुरानी थी तो पुलिस को उसे अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए था। सुश्री साधौ ने कहा कि जेल अधीक्षक ने आदिवासी बिसन के घाव देखकर एमएलसी से संतुष्ठ न होने पर पुनः मेडिकल जांच हेतु भेजा। पुलिसकर्मी उसे लगभग शाम 7.45 बजे जेल लेकर पहुंचे और रात्रि 12 बजे उसकी तबियत बिगड़ी। बिसन को जिला अस्पताल भेजा गया जहां रात्रि 12.45 बजे उसकी मौत हो गई।
बिस्टान में पुलिस की पिटाई से आदिवासी की मौत पर एक करोड़ का मुआवजा दे सरकार, सीबीआई करे जांच
