लखनऊ,अब तीन वर्ष की उम्र में ही बच्चे टैबलेट से पढ़ना शुरू कर देंगे। इसके लिए आज लखनऊ बिरूरा, विकास खंड सरोजनीनगर के आंगनबाड़ी केन्द्र पर बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार, महिला कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वाती सिंह ने शुभारंभ किया। लखनऊ और वाराणसी के तीन-तीन आंगनबाड़ी केन्द्रों को चेन्नई के हैसेलफ्रे फाउंडेशन ने गोद लेकर आरम्भिक शिशु देखभाल एवं डिजिटल लर्निंग की शुरूआत की है। हैसल फ्रे के निदेशक डॉ. जनार्दन एवं राज्य निदेशक परियोजना राकेश श्रीवास्तव ने भी इस अवसर पर संस्था के कार्य व गोद लिये आंगनबाड़ी केन्द्रों किये जाने वाली पढ़ाई के बारे में विस्तार से बताया।स अवसर पर स्वाती सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सपना है कि हर वर्ग के बच्चों को वह उच्चस्तरीय शिक्षा मिले, जो ज्यादा पैसा मुहैया कराने पर संभव हो पाता है। इसी सपने को साकार करने के लिए यह शुरूआत हुई है। अब बच्चे टैबलेट के माध्यम से अ, आ, ई पढ़ेगे। इसके साथ ही संस्था बच्चों को ड्रेस भी मुहैया कराएगी। हर बच्चे की मानटरिंग कम्यूटर से की जाएगी।
इस अवसर स्वाती सिंह ने आंगनबाड़ी केन्द्र में पहुंची एक-एक महिला से समय से पुष्टाहार वितरण, व्यवस्था आदि के बारे पूछा। इसके साथ ही उन्होंने कोरोना काल में सभी माताओं को खुद से सजग रहते हुए बच्चों को भी साफ-सफाई का ध्यान देने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि तीसरी लहर में बच्चों के प्रभावित होने की संभावना जतायी जा रही है। इस कारण आप लोग अभी से मास्क पहनने व बच्चों को पहनाने की आदत के साथ ही साफ-सफाई की आदत बना लें।
हैसल फ्रे के निदेशक डॉ. जनार्दन ने विडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से कार्यक्रम को संबोधित किया।
एक कंप्यूटर व छह टैबलेट रहेंगे एक आंगनबाड़ी केन्द्र में
एक आंगनबाड़ी केन्द्र में एक कम्प्यूटर के साथ ही छह टैबलेट रहेंगे। एक मास्टर ट्रेनर भी हैसलफ्रे फाउंडेशन ने अपनी तरफ से रखा है, जो बच्चों के साथ ही टैबलेट चलाने की ट्रेनिंग आंगनबाड़ी कार्यकत्री को भी देगा। बच्चों को ड्रेस भी दिया गया है। इसके साथ ही उनके लिए ब्रेंच भी रखी गयी है, जिस पर ‘अ, आ’ लिखने के साथ ही आम व अमरूद के चित्र भी बनाये गये हैं।
जब बच्चे के छुते ही ‘अ, आ’ बोलने लगा टैबलेट
मंत्री स्वाती सिंह ने एक बच्चे को बुलाकर उसकी उंगुली पकड़कर जैसे ही टैबलेट पर टच कराया। वह ‘अ, आ’ बोलने लगा। इसके साथ ही उस पर चित्र भी दिखने लगा। यह देखकर बच्चा खिलखिला उठा। मंत्री ने बच्चे से पूछा, “यह अच्छा लग रहा है।’ बच्चे ने मुस्कराते हुए कहा, ‘हां’। मैम “थैंक्स”। यह सुनकर वहां उपस्थित सभी लोग गदगद हो गये।
उप्र में अब तीन वर्ष की उम्र से ही नौनिहाल टैबलेट से पढ़ेगे
