उप्र में एक मुश्त लोन अदायगी पर ब्याज में मिलेगी छूट

लखनऊ,उत्तर प्रदेश के खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि स्वरोजगारपरक योजनाओं को धरातल पर उतारते हुए 100 प्रतिशत लक्ष्य की प्राप्ति सुनिश्चित की जाय। इसके लिए विभाग के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों की जवाबदेही निर्धारित की जायेगी। राज्य सरकार फील्ड में कार्य करने वाले कार्मिको को सभी प्रकार की सुविधाएं देगी। परिणाम न मिलने पर सख्त कार्रवाई भी होगी। उन्होंने कहा कि बैंको में भेजे गये ऋण आवेदनों को अस्वीकृत करने की दर अधिक है, इसको कम करते हुए अधिक से अधिक लोगों को ऋण उपलब्ध कराया जाय। साथ ही जिन आवेदनों को निरस्त किया जाय, उसके कारण का भी स्पष्ट उल्लेख किया जाय।
श्री सिंह आज खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड कार्यालय में विभाग के समीक्षा कर रहे थे। इस मौके राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति (एसएलबीसी) के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। उन्होंने प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी), मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना तथा पंडित दीन दयाल योजना की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि इन योजना के तहत अभियान चलाकर अधिक से अधिक ऋण आवेदन बैंको को भेजे जायं। हर महीने का लक्ष्य निर्धारित किया जाय और प्रत्येक सप्ताह की इसकी समीक्षा भी जाय। उन्होंने कहा कि लोन की प्रक्रिया आसान बनाने के लिए माटीकला योजना को मुद्रा योजना से जोड़ा जायेगा।
अपर मुख्य सचिव, खादी एवं ग्रामोद्योग डा0 नवनीत सहगल ने कहा कि आगामी 02 अक्टूबर को प्रदेश के प्रत्येक मण्डल में मेगा क्रेडिट कैम्प लगेगा। इस अवसर पर समुचित मात्रा में ऋण का वितरण सुनिश्चित किया जाय। उन्होंने कहा कि वर्तमान में कोरोना महामारी नियंत्रण में है। यही मौका है कि योजनाओं को जमीन पर उतारने की। इसलिए बिना समय गवाये येाजनाओं का लाभ लाभार्थियों तक पहुंचाया जाय। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष पीएमईजीपी के तहत ऋण वितरण में उत्तर प्रदेश देश में नम्बर वन रहा है। इस वर्ष भी पहले स्थान पर रहना चाहिए।

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