उप्र महिला एवं बाल विकास विभाग की नीता और निरुपमा को मिलेगा मिशन शक्ति पुरस्कार

लखनऊ, कल शनिवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान, लखनऊ के ऑडिटोरियम में मिशन शक्ति फेज-3 का शुभारंभ कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, कार्यक्रम में उ0प्र0 की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन भी शामिल होंगी। इस अवसर पर प्रदेश की 75 ऐसी महिलाओं को चयनित किया गया है जिन्हें मिशन शक्ति के पूर्व के चरणों में उत्कृष्ट कार्य करने हेतु मिशन शक्ति पुरस्कार भी दिये जाएंगे। मिशन शक्ति के दौरान प्रदेश में अभियान का नेतृत्व करने वाले महिला एवं बाल विकास विभाग से बरेली मंडल की उपनिदेशक नीता अहिरवार और वाराणसी जनपद की संरक्षण अधिकारी निरुपमा सिंह को चुना गया है।
श्रीमती नीता अहिरवार ने कोविड-19 के दौरान जनपद बरेली मे विभिन्न विभागों के मध्य मिशन शक्ति के नोडल अधिकारी के रूप में कार्य किया। श्रीमती नीता द्वारा जनपद बरेली के विभिन्न विभागों के साथ-साथ स्वेैच्छिक संगठनों तथा विभिन्न उद्यमियों को मिशन के साथ जोड़ने में अहम भूमिका निभाई। साथ ही मिशन के उददेश्यों को जन-जन तक पहुंचाने हेतु इनके द्वारा प्रिंट, इलेक्ट्रिानिक, रेडियो एफ0एम0, सोशल मीडिया (फेसबुक, वाट्सऐप, ट्व्टिर) का विशेष रूप से प्रयोग किया गया। जनपद, ब्लॉक तथा ग्राम स्तर के कार्यक्रमों में जनप्रतिनिधियों तथा जनपद के वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति सुनिश्चित करने हेतु नीता द्वारा निरंतर प्रयास किये गये। विभागीय योजनाओं का प्रचार-प्रसार कर अधिक से अधिक महिलाओं व बच्चों को इनसे जोड़ना इनकी प्राथमिकता रही। परिणामस्वरूप बरेली जनपद में मिशन शक्ति की अवधि के दौरान पति की मृत्युपरांत निराश्रित महिला पेंशन योजना से लगभग 7000 नवीन महिलाओं तथा मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना में लगभग 8000 नये लाभार्थियों को जोड़ा गया। इनके नेतृत्व में बरेली में मिशन स्वावलंबन को महत्व देते हुये महिला शरणालय बरेली की महिलाओं के साथ ‘‘हुनर की पाठशाला‘‘ कार्यक्रम की शुरूवात की गई जिसके माध्यम से महिलाओं को विभिन्न कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों से जोड़ा जा रहा है। साथ ही विद्यालयों के स्तर पर लगभग 260 मास्टर प्रशिक्षक तैयार कर 25000 से ज्यादा बालिकाओं को ‘‘आत्मरक्षा प्रशिक्षण‘‘ दिलाया गया है और यह कार्यक्रम जनपद में सतत् संचालित किये जाने का निर्णय लिया गया है। मिशन के दौरान महिलाओं तथा पुलिस एवं प्रशासनिक अधिकारियों के मध्य संवाद/इंटरफेस कार्यक्रमों के आयोजन में इन्होनें अहम भूमिका निभायी तथा इस दौरान 50 से अधिक महिलाओं द्वारा की गई शिकायतों का निस्तारण करवाया।

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