मोदी सरकार ने 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रुप में मनाने का फैसला किया

नई दिल्ली, भारत को अंग्रेजों से 15 अगस्त को मिली आजादी के एक दिन पहले 14 को पाकिस्तान एक अलग देश बन गया था। इस दौरान हुए विभाजन में काफी दंगा हुआ था। लाखों लोगों को अपना घर-बार छोड़ना पड़ा, जमीन जायदाद सबकुछ छोड़ना पड़ा। यहां तक की लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। इस बीच शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐलान किया कि 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के तौर पर मनाने का निर्णय लिया गया है। पीएम मोदी ने 14 अगस्त को याद कर लिखा, ‘देश के बंटवारे के दर्द को कभी भुलाया नहीं जा सकता। नफरत और हिंसा की वजह से हमारे लाखों बहनों और भाइयों को विस्थापित होना पड़ा और कईयों को अपनी जान तक गंवानी पड़ी। उन लोगों के संघर्ष और बलिदान की याद में 14 अगस्त को ‘विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ के तौर पर मनाने का निर्णय लिया गया है।’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस का यह दिन हमें भेदभाव, वैमनस्य और दुर्भावना के जहर को खत्म करने के लिए न केवल प्रेरित करेगा, बल्कि इससे एकता, सामाजिक सद्भाव और मानवीय संवेदनाएं भी मजबूत होंगी। बता दें कि भारत-पाकिस्तान बंटवारे की त्रासदी सदियों तक याद रखी जाएगी। बीसवीं सदी के सबसे बड़ी घटनाओं में से एक थी ये। बंटवारे के समय हुए दंगों में लाखों लोग मारे गए थे। अंग्रजों से लड़ते लड़ते आपस में लड़ बैठे थे। इस लड़ाई में महिलाओं ने सबसे अधिक दर्द झेला। पाकिस्तान में हिंदुओं व सिखों के घरों व जमीनों पर मुसलमानों ने कब्जा कर लिया था। पाकिस्तान छोड़कर भारत चले जाने की नसीहत दी जाती थी और अपनी जमीन छोड़कर ना जाने वालों को मार दिया जाता था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *