ग्वालियर में 60 फीट ऊंची बिल्डिंग पर झंडे की रस्सी बदल रहे 3 कर्मचारियों की क्रेन पलटने से मौत

ग्वालियर, ग्वालियर में शनिवार सुबह 60 फीट ऊंचे डाकघर भवन पर राष्ट्रीय ध्वज की रस्सी बदलते समय हादसा हो गया। इसमें 3 कर्मचारियों की मौत हो गई और 1 गंभीर रूप से घायल है। झंडे की रस्सी बदलने के लिए कर्मचारी क्रेन पर चढ़े ही थे। अचानक क्रेन का जैक उखड़ गया और क्रेन की ट्रॉली पलट गई। ट्रॉली में 4 कर्मचारी थे। सभी सिर के बल पहली मंजिल की छत पर गिर गए। मृतकों में 2 नगर निगम के दमकल विभाग के कर्मचारी हैं और एक डाकघर का चौकीदार है।
हादसे के बाद लोग चारों कर्मचारियों को आनन-फानन में सभी को जय आरोग्य अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर लेकर पहुंचे, जहां तीन लोगों को मृत घोषित कर दिया गया। सूचना मिलते ही प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट भी घटना स्थल पहुंचे। हादसे के मृतकों के परिजनों को सरकार 4-4 लाख रुपए देगी। उन्हें सरकारी नौकरी भी दी जाएगी।
ऐसे हुआ हादसा
शहर के महाराज बाड़ा में हर साल स्वतंत्रता दिवस पर ऐतिहासिक भवनों पर लाइटिंग और सजावट की जाती है। पुराने डाकघर पर झंडा फहराया जाता है। झंडा तो यहां लगा था, लेकिन उसकी डोरी खराब थी। इसे ठीक कराने के लिए डाकघर के चौकीदारी विनोद कुमार शर्मा ने नगर निगम कार्यालय पर सूचना दी थी। दमकल के कर्मचारी 52 मीटर ऊंचाई वाली बड़ी क्रेन लेकर बाड़ा पहुंचे थे। क्रेन को साइड में खड़ी कर उसकी ट्रॉली में दमकल कर्मचारी प्रदीप राजौरिया, कुलदीप डंडौतिया, डाकघर चौकीदार विनोद शर्मा सहित 4 लोग खड़े थे। वह ट्रॉली में सवार होकर झंडे तक पहुंचे ही थे कि जिस जैक पर क्रेन खड़ी थी वह टूट गया। इससे क्रेन पलट गई। क्रेन के पलटते ही ट्रॉली सहित सभी कर्मचारी नीचे आ गिरे। स्थानीय लोगों ने पुलिस, नगर निगम को सूचना दी। तत्काल पुलिस वहां पहुंची और लोगों की मदद से घायलों को निकालकर एंबुलेंस से जेएसए के ट्रॉमा सेंटर पहुंचाया।
अस्पताल में 3 की मौत की पुष्टि हुई
घायलों को लेकर अस्पताल पहुंचे पुलिस अफसर ने बताया कि हादसे में प्रदीप राजौरिया, विनोद कुमार शर्मा और कुलदीप डंडौतिया की सिर पर चोट लगने से मौत हो गई। 3 कर्मचारियों की हालत नाजुक बनी हुई है।
घटना से कर्मचारियों में आक्रोश, हंगामा किया
घटना के बाद नगर निगम के कर्मचारी मौके पर पहुंचे और अपने साथियों की इस तरह हुई मौत पर आक्रोश जताया। उनकी नगर निगम के अफसरों से बहस भी हुई। 10 बजे तक एक अपर आयुक्त के अलावा कोई भी निगम का बड़ा अफसर मौके पर नहीं पहुंचा।
निगमायुक्त की पिटाई, आक्रोशित लोगों ने लगाया जाम
दुर्घटना के बाद लोगों में आक्रोश है। आमजन और कर्मचारियों के परिजनों ने नगरनिगम के अधिकारियों को इस हादसे का जिम्मेदार बताते हुए जाम लगा दिया है। इधर प्रदेश सरकारी की ओर से दुर्घटना में मृत नगर निगम के कर्मचारियों के परिवारों को साढ़े चार- चार लाख रुपए की सहायता घोषित की गई है। इसके साथ ही मृतक कर्मचारियों के परिजनों को उसी पद पर अनुकंपा नियुक्ति दी जाने की भी बात कही गई है। दुर्घटना में घायल कर्मचारी को नि:शुल्क इलाज के साथ ही 50 हजार की आर्थिक मदद दी जा रही है। जिले के प्रभारी मंत्री एवं प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने बताया कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने भी इस दु:खद घटना पर गहरा शोक जताया है। प्रभारी मंत्री सिलावट ने बताया कि इस दुर्घटना की बारीकी से जांच करने के आदेश दे दिए गए हैं। भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी अपर कलेक्टर आशीष तिवारी को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

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