उज्जैन, नाग पंचमी की सुबह महाकाल मंदिर में अजीब स्थिति बन गई तथा मंदिर के पट खोलकर भस्मारती करने वाले पुजारियों को ही प्रवेश नहीं मिलने से आरती आधा घंटा देरी से हुई। दरअसल नागपंचमी के कारण रात 12 बजे नागचंद्रेश्वर के दर्शन शुरु हो गए थे और शयन आरती के बाद महाकाल के पट रात 11 बजे बंद हो गएl शुक्रवार सुबह 4 बजे भस्मारती होनी थी। इसके पूर्व ही पूर्व मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, विधायक आकाश विजयवर्गीय, रमेश मेंदोला एवं अन्य स्थानीय भाजपा नेता पीछे धर्मशाला की ओर से सभामंडप हाल में पहुँच गए और बैठ गए। जब 4 बजे के लगभग गेट नंबर 4 से आरती करने वाले संजय पुजारी तथा अन्य पुजारी आए तो उन्हें रोका गया। इस कारण विवाद की स्थिति बन गई और हंगामा भी हुआ। गर्भगृह के द्वार खोलने के बाद पुजारी भस्मारती करने लगे तो उनसे कहा गया कि आरती से पूर्व गर्भ गृह में भाजपा के नेता दर्शन करेंगे जिस पर पुजारियों ने आपत्ति ली और उन्होंने कहा कि भस्मारती के बाद जो भी वीआईपी हैं वे जल चढ़ा सकते हैं लेकिन उनकी बात नहीं मानी गई और भस्मारती से पूर्व ही उपस्थिति वीआईपी नेताओं ने प्रोटोकाल तोड़ते हुए महाकाल के दर्शन किए।पुजारियों का कहना है कि प्रशासन ने पंडे-पुजारी के अलावा किसी और को गर्भगृह में जाने की अनुमति नहीं दी है। ऐसे में नेताओं को किसके आदेश से गर्भगृह तक जाने दिया गया, इसकी जांच कराई जाए। पहले पुजारियों को 4 नंबर गेट पर रोका गया। कुछ देर बाद आगे जाने दिया गया तो सूर्यमुखी द्वार पर रोक दिया गया। यहां पर तैनात वाणिज्यिक कर अधिकारी दिनेश जायसवाल से अजय पुजारी ने रोकने का कारण पूछा तो वह बहस करने लगे। इसी बीच पुजारियों ने सभा मंडप में कैलाश विजयवर्गीय के साथ आकाश और रमेश मेंदोला को देखा तो वे भड़क गए और हंगामा किया। उन्होंने कहा- इसकी मुख्यमंत्री से शिकायत करेंगे।
भस्म आरती में एक साल से श्रद्धालुओं को एंट्री नहीं
कोरोना प्रोटोकॉल के कारण महाकाल मंदिर में पिछले एक साल से भस्म आरती में किसी भी श्रद्धालु का प्रवेश प्रतिबंधित है। शुक्रवार सुबह भी 3 बजे मंदिर के पट संजय पुजारी ने खोले और बाद में मंदिर के सभी द्वारों पर ताले लगा दिए गए। सीसीटीवी और अन्य कैमरे का लाइव भी फ्रीज कर दिया गया था। कुछ देर बाद मंदिर के मुख्य पुजारी अजय पुजारी भस्मारती के लिए मंदिर पहुंचे तो उन्हें सबसे पहले गेट नंबर 4 पर रोका गया। जैसे-तैसे वहां से निकले तो उन्हें दोबारा सूर्यमुखी द्वार पर रोक दिया गया।
नेताओं ने जवाब नहीं दिया
महाकाल दर्शन कर धर्मशाला गेट की तरफ जा रहे कैलाश विजयवर्गीय और अन्य नेताओं से पत्रकारों ने भस्म आरती की देरी के बारे में सवाल किया तो कोई जवाब नहीं मिला। अजय पुजारी ने कहा की सब व्यवस्था बिगड़ गई है। जब कार्ड दिया है तो अलग-अलग गेट पर क्यों रोका जा रहा है।