टोक्यो, टोक्यो ओलंपिक की 110 मीटर बाधा दौड़ के स्वर्ण विजेता धावक हांसले पार्शमेंट ने कहा है कि उनकी जीत के पीछे एक वॉलंटियर का हाथ है। हांसले के अनुसार जिस दिन रेस का फाइनल था तब वह खेल गांव में अपने स्टेडियम का पता भूलकर गलत जगह पहुंच गये थे और उन्हें लग गया कि अब वह समय पर नहीं पहुंच पाएंगे पर तभी एक वॉलंटियर ने वहां पर उनकी सहायता की और टैक्सी तक का किराया दिया। इसी कारण वह समय पर स्टेडियम पहुंच पाये।
हांसले ने सोशल मीडिया पर लिखा है जब सेमीफाइनल का मुकाबला था, तब वह गलत बस में बैठ गये थे।बाद में उन्होंने देखा कि बस अलग ही रास्ते पर चल रही थी। बस रुकी तो मालूम पड़ा कि वह एथलेटिक्स स्टेडियम नहीं, बल्कि किसी और जगह आए हैं। जब वो वापस जाने की कोशिश करने लगे, तो काफी परेशानी आई।
हांसले के मुताबिक, तभी उन्हें एक वॉलंटियर दिखाई दी जिसने उनकी मदद की। उसी के कारण ही वह रेस में स्वर्ण पदक जीत पाये। हांसले ने इसके बाद उस वॉलंटियर की तलाश कर उसे अपना स्वर्ण पदक दिखाया और उसके पैसे भी वापस लौटा दिए।