भोपाल, ओबीसी आरक्षण मुद्दे पर गुरूवार को मंत्रालय में हुई बैठक में निर्णय लिया गया कि ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिलाने के लिए मप्र हाईकोर्ट में पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद और तुषार मेहता पैरवी करेंगे।
दरअसल, शिवराज सरकार के लिए ओबीसी आरक्षण का मुद्दा गले की फांस बनता जा रहा है। ओबीसी वर्ग में एक खासी नाराजगी देखी जा रही है। वहीं दूसरी तरफ विपक्ष भी लगातार हमलावर हो रहा है। इसको देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ओबीसी आरक्षण मुद्दे पर चर्चा के लिए गुरूवार को बड़ी बैठक बुलाई थी। इसमें पिछड़ा वर्ग के मंत्री भूपेंद्र सिंह, मोहन यादव, कमल पटेल, रामखेलावन पटेल, भरत सिंह कुशवाह और विधायक मौजूद थे। बैठक में एडवोकेट जनरल पुरुषेन्द्र कौरव सहित दिल्ली के सीनियर वकील भी शामिल थे।
जनता को बताएंगे की कांग्रेस ने धोखा दिया
मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि बैठक में फैसला लिया गया है कि प्रदेश के ओबीसी वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण दिलाने के लिए रविशंकर प्रसाद और तुषार मेहता मप्र हईकोर्ट में सरकार का पक्ष रखेंगे। उन्होंने कहा कि कोर्ट से अपील की जाएगी। अंतिम हियरिंग मानकर कोर्ट जल्द फैसला सुनाए। मंत्री ने ये भी कहा कि जनता को बताएंगे कि कांग्रेस ने ओबीसी वर्ग को धोखा दिया है।
यह है पूरा मामला
प्रदेश में ओबीसी वर्ग की आबादी 50 फीसदी होने का हवाला देते हुए ओबीसी वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण देने की याचिका हाईकोर्ट में लगाई गई थी। कांग्रेस ने अपने 15 महीने के कार्यकाल में ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला किया था। वहीं ओबीसी वर्ग को 27 फीसदी आरक्षण देने पर आरक्षण का कुल कोटा 50 फीसदी से भी अधिक हो रहा है। इसे लेकर हाईकोर्ट में अलग-अलग पक्षों ने याचिकाएं भी लगाई है। जिस पर हाईकोर्ट की सुनवाई जारी है। रिजर्वेशन के फैसले की वजह से भर्ती प्रक्रियों में भी परेशानी हो रही थी, जिसे देखते हुए हाईकोर्ट ने सुनवाई की है, जहां ओबीसी वर्ग की भर्ती प्रक्रिया अभी 14 प्रतिशत आरक्षण के अनुसार होगी।
हाईकोर्ट 1 सितंबर को करेगा सुनवाई
बता दें कि मंगलवार को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के मामले को लेकर सुनवाई की। हाईकोर्ट ने ओबीसी आरक्षण के संबंध में सरकार के आदेश पर रोक बरकरार रखी है। 1 सितंबर को मामले की अगली सुनवाई होगी।