टोक्यो, भारतीय महिला हॉकी टीम टोक्यो ओलिंपिक में तीसरे ओर चौथे स्थान के लिए खेले गये एक रोमांचक मुकाबले में 4-3 से हारकर चौथे स्थान पर रही। भारतीय टीम को एक रोमांचक मुकाबले में ब्रिटेन की टीम ने 4-3 से हराया, इसी के साथ ही भारतीय टीम का पदक जीतने का सपना भी टूट गया। इस मैच में भारतीय महिला टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए दो गोल से पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए हाफटाइम तक 3-2 की बढ़त हासिल कर ली थी पर दूसरे हाफ में ब्रिटेन की खिलाड़ियों ने आक्रामक रुख अपनाते हुए दो गोल कर मैच अपने नाम कर लिया।
भारतीय टीम की ओर से गुरजीत कौर ने 25वें और 26वें मिनट में जबकि वंदना कटारिया ने 29वें मिनट में गोल किये। भारतीय टीम ने पांच मिनट के भीतर तीन गोल किए। वहीं दूसरे ओर ब्रिटेन के लिए एलेना रायेर ने 16वें, सारा रॉबर्टसन ने 24वें, कप्तान होली पीयर्ने वेब ने 35वें और ग्रेस बाल्डसन ने 48वें मिनट में गोल दागे। भारत का इससे पहले ओलिंपिक में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 1980 में था जब महिला टीम चौथे स्थान पर रही थी। उस समय सेमीफाइनल नहीं होते थे और छह टीमों ने राउंड रॉबिन आधार पर खेला था जिनमें से दो टीमें फाइनल में पहुंची थी। ब्रिटेन ने उम्मीद के अनुसार अनुरूप ही खेलते हुए शुरुआत से ही गेंद अपने कब्जे में रखी। उसने पहले क्वॉर्टर में कई मौके बनाए। भारतीय टीम ने भी इस बीच कई प्रयास किये पर अवसरों को गोल में नहीं बदल पायी। पहले क्वॉर्टर में भारतीय गोलकीपर सविता पूनिया ने अच्छा प्रदर्शन करते विरोधी टीम के तीन प्रयासों को नाकाम कर दिया।
वहीं दूसरे क्वॉर्टर में ब्रिटेन ने रायेर के गोल की मदद से बढ़त बना ली। इसके कुछ मिनट बाद उसे फिर पेनल्टी कॉर्नर मिला पर गोल नहीं हो सका। लालरेम्सियामी ने भारत के लिए गोल के प्रयास किये पर उनकी रिवर्स हिट को मैडी हिंच ने बचा लिया। भारत का पहला पेनल्टी कॉर्नर भी विफल रहा। ब्रिटेन की ओर से 24वें मिनट में रॉबर्टसन ने दूसरा गोल कर दिया। इसके एक मिनट बाद भारत को लगातार दो पेनल्टी कॉर्नर मिले पर गुरुजीत ने गोल कर अंतर कम किया। दो मिनट बाद सलीमा टेटे ने भारत को पेनल्टी कॉर्नर दिलाया। गुरजीत ने इसे गोल में बदलकर भारत को 2-2 से बराबरी पर ला दिया। इसके बाद भारतीयों ने दबाव बनाया और वंदना ने तीसरा गोल करके पहली बार भारत को 3-2 से बढत दिला दी।
एक गोल से पीछे होने के बाद ब्रिटेन ने आक्रामक रुख अपनाते हुए तीसरे क्वॉर्टर में हमले तेज कर दिये। एक मिनट बाद ही कप्तान होली पीयर्ने ने ब्रिटेन की ओर से चौथा गोल किया। चौथे क्वॉर्टर में ब्रिटेन ने भारतीय टीम के सभी हमलों को रोक दिया। आखिरी आठ मिनट में भारत को अवसर मिले पर टीम उन्हें गोल में नहीं बदल पायी। मिले पेनल्टी कॉर्नर पर गुरजीत गोल नहीं कर सकीं।