भिंड-मुरैना, मप्र के कई जिलों में भारी बारिश से जिंदगी थम गई है। ग्वालियर, चंबल, शिवपुरी, श्योपुर, गुना, मुरैना, दतिया एवं भिंड में हालात बद से बदतर हैं। यहां तकरीबन 1225 गांव इस तरह जलमग्न हैं कि चारों ओर पानी के कारण फंसे लोग भूख-प्यास से तड़प रहे हैं। ऐसे में सरकारी राहत नहीं पहुंचने से लोग आक्रामक हो रहे हैं। गुरूवार को लोगों का गुस्सा उस समय देखन को मिला जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आगमन के पूर्व श्योपुर कलेक्टर और एसपी रूट तय करने पहुंचे थे। इस दौरान जब वे मालवी मोहल्ले में पहुंचे तो लोगों का आक्रोश भड़क गया। लोगों ने जब कहा कि बाढ़ के बाद अब तक यहां सफाई नहीं हुई है तो कलेक्टर कोई ठोस आश्वासन नहीं दे सके। ऐसे में जनता का गुस्सा भड़क गया। इस दौरान कुछ लोगों ने एसपी के साथ झूमाझटकी कर दी, जिसमें एसपी की वर्दी भी फट गई। जब जनता भड़की तो कलेक्टर, एसपी ने भागकर अपनी जान बचाई। गुस्साए लोगों ने कलेक्टर की गाड़ी पर भी पथराव कर दिया। साथ ही पुलिस, प्रशासन व क्षेत्रीय कांग्रेस विधायक बाबू जंडेल सिंह के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी की।
जानकारी के अनुसार, तीन दिन से बाढ़ से जूझ रहे लोगोंं में पुलिस, प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों को लेकर जबर्दस्त आक्रोश है। दरअसल, लोग कई दिन से भूखे-प्यासे हैं। लोगों के पास राहत सामग्री नहीं पहुंच पा रही है। सबसे ज्यादा खराब हालात शिवपुरी एवं श्योपुर के हैं। सेना, वायुसेना एवं एनडीआरएफ की टीमें राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हैं। अब तक बाढ़ से घिरे और टापू बने सैकड़ों गांवों से सेना ने लगभग 10 हजार लोगों को निकाल लिया है, जबकि फंसे लोगों को बचाने के लिए रेस्क्यू जारी है। इलाकों में बिजली भी गुल है। पानी में रहने से लोगों के अंग भी गलने लगे हैं। उधर, लगातार बारिश और कोटा बैराज बांध से छोड़े गए पानी के कारण चंबल नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। चंबल का जलस्तर श्योपुर में 2 मीटर, मुरैना में 6 मीटर और भिंड में 4 मीटर ऊपर है।