महाकालेश्वर की दूसरी सवारी में पालकी पर विराजित होकर निकले श्री चन्द्र्मौलीश्वर

उज्जैन, श्री महाकालेश्वर भगवान की दूसरी सवारी आज कोरोना के कारण परिवर्तित मार्ग से निकाली गई। सवारी के आगे भक्त ढोल, शहनाई, डमरू, झांझ आदि वाद्य बजाते हुए शिव के गुणगान करते हुए चल रहे थे। श्रावण माह के दूसरे सोमवार को भगवान श्री चन्द्र मौलीश्ववर पालकी में व श्री मनमहेश हाथी पर सवार होकर अपनी प्रजा का हॉल जानने नगर भ्रमण पर निकले।सवारी निकलने के पूर्व मंदिर के सभामंडप में भगवान श्री चन्द्रमौलीश्वर का विधिवत पूजन-अर्चन किया गया। पूजन मुख्य पुजारी पं.घनश्याम शर्मा ने संपन्न् ‍करवाया। पूजन श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष एवं कलेक्टर आशीष सिंह ने सपत्नीक किया। इस दौरान पुलिस अधीक्षक सत्येन्द्र कुमार, प्रशासक नरेन्द्र सूर्यवंशी, महंत विनीत गिरी आदि उपस्थित थे। पूजन के पश्चात सभी गणमान्यो ने पालकी को कंधा देकर नगर भ्रमण की ओर रवाना किया।सवारी के क्रम में उद्घोषक वाहन, तोपची, भगवान श्री महाकाल का ध्वज, घुड़सवार, विशेष सशस्त्र बल, पुलिस बैण्ड, नगर सेना, महाकाल के पुजारी-पुरोहित, ढोलवादक, झांझवादक, चोपदार, चांदी की झाड़ूवाहक, अन्य आवश्यक व्यवस्था में लगने वाले अधिकारी-कर्मचारी सीमित संख्या में साथ में चल रहे है।
रामघाट पर अभिषेक हुआ
भगवान महाकालेश्वर की सवारी रामघाट पर पहुंची। यहां पर भगवान महाकाल का शिप्रा जल से अभिषेक किया गया। अभिषेक पूजन पं.आशीष गुरू एवं अन्य पुजारियों ने किया। इस अवसर पर विधायक रामलाल मालवीय,मुरली मोरवाल, विशाल राजौरिया व अन्य गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे। रामघाट से सवारी हरसिद्धि मन्दिर के सामने से होकर पुन: महाकाल पहुंची।

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