नई दिल्ली, भारतीय महिला मुक्केबाज पूजा रानी 75 किग्रा मिडिलिवेट वर्ग के राउंड 16 में चीनी बॉक्सर ली से हार गई हैं। ली क्यान ने मुकाबला 5-0 से जीता। पूजा रानी ने प्री क्वार्टर फाइनल में अल्जीरिया की इचरक चाएब पर 5-0 से जीत दर्ज कर क्वॉर्टर फाइनल में प्रवेश किया था। पहली बार ओलंपिक खेलों में हिस्सा ले रहीं पूजा ली क्यान के खिलाफ मुकाबले में एक बार भी रंग में नहीं दिखाई दी। तीनों राउंड में चीनी मुक्केबाज का दबदबा बना रहा।
बता दें कि पूजा रानी का ओलंपिक का सफर काफी मुश्किलों से भरा रहा है। वह कंधे की चोट से जूझती रहीं जिससे उनका करियर खत्म होने का भी डर बना हुआ था, उनका हाथ भी जल गया था वित्तीय सहयोग की कमी के बावजूद वह यहां तक पहुंची हैं।पूजा के पिता पुलिस अधिकारी हैं, जो उन्हें इस खेल में नहीं आने देना चाहते थे क्योंकि उन्हें लगता था कि मुक्केबाजी आक्रामक लोगों के लिए ही है। उन्होंने कहा था, मार लग जाएगी, मेरे पिता ने यही कहा था। उन्होंने कहा था कि यह खेल मेरे लिए नहीं है, क्योंकि उन्हें लगता था कि मुक्केबाजी केवल आक्रामक (गुस्सैल) लोग ही करते हैं।
पूजा से पहले मेडल की उम्मीद अमित पंघाल भी अपना मैच हार गए। पिछले चार वर्षों में अमित पंघाल (52 किग्रा) का प्रदर्शन इतना शानदार रहा है,इसके बाद किसी को भी उनके हारने की उम्मीद नहीं थी। लेकिन शनिवार को उन्हें अपने करियर के पहले बड़े उलटफेर का सामना करना पड़ा और दुर्भाग्य से यह ओलंपिक के दौरान हुआ।दुनिया के नंबर एक फ्लाइवेट मुक्केबाज पंघाल का करियर इतने दबदबे वाला रहा है कि ऐसा शायद पहले कभी हुआ ही नहीं था।सेना का यह मुक्केबाज रियो ओलंपिक के लाइट फ्लाईवेट रजत पदक विजेता कोलंबिया के युबेर्जन मार्तिनेज के खिलाफ शनिवार की सुबह जिस तरह से ‘बैक फुट पर गया, ऐसा कभी भी नहीं हुआ है।भारतीय मुक्केबाजी के हाई परफोरमेंस निदेशक सांटियागो निएवा की आवाज की निराशा महसूस की जा सकती थी, उन्होंने कहा, ‘‘हां, मुझे नहीं लगता कि उस पर इससे पहले किसी ने ऐसे दबदबा बनाया था।