मप्र विधानसभा के मानसून सत्र में विपक्ष कोरोना से मौत पर सरकार को घेरेगा

भोपाल, विधानसभा का मानूसन सत्र हंगामाखेज होने के आसार हैं। इसके लिए विपक्ष और सत्ता पक्ष भी तैयारी में जुटा हुआ है। सत्र भले ही चार दिन का है, लेकिन दोनों ओर से तैयारियां जमकर हो रही है। इस मानसून सत्र में कोरोकाल के दौरान सरकारी विफलता, लोगों की असमय मौत, ऑक्सीजन की कमी और दवाईयों, इंजेक्शनों का टोटा से जुड़े सवाल भी विधायकों ने बड़ी संख्या में पूछे हैं। वहीं सरकार पहले ही इंकार कर चुकी है कि प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी से किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई है।
सरकार इंजेक्शन और दवाओं का टोटा होने से भी इंकार करती रही है। ऐसे में यह सत्र हंगामा खेज होने के आसार है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने सदन में सरकार की घेराबंदी की पूरी तैयारी की है। इसके अलावा किसान कर्ज माफी, किसान आत्महत्या, बिगड़ती कानून व्यवस्था, भ्रष्टाचार, अवैध उत्खनन सहित अन्य मामलों से जुड़े मामलों पर भी शामिल हैं।
प्रश्नकाल में 25 सवालों पर होगी चर्चा
विधानसभा के मानूसन सत्र में हर दिन विधायक औसतन 300 सवाल पूछेंगे। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि इस चार दिनी सत्र के लिए कुल 1184 सवाल विधानसभा सचिवालय को मिले हैं। इनके जवाब तैयार करने के लिए विधानसभा सचिवालय ने संबंधित विभागों को सवाल भेज दिए हैं। विधायकों को ज्यादातर सवालों के लिखित जवाब दिए जांएगे। प्रश्नकाल में सिर्फ 25 सवालों पर ही चर्चा होगी।
लिखित सवालों का समय बीता
विधायकों को लिखित सवाल पूछने का समय अब बीत चुका है। इसके लिए विधानसभा सचिवालय ने 16 जुलाई की तिथि निर्धारित की थी। विधानसभा सचिवालय ने प्राप्त सभी सवालों के लिखित जवाब के लिए संबंधित विभागों को भेज दिया है। इसके लिए विभागवार तिथि निर्धारित की है। विभागों को कहा गया है कि निर्धारित तिथि तक सवालों के जवाब भेज दिए जाएं। जो विभाग समय पर उत्तर नहीं देंगे, उसमें यह लिख जाएगा कि विभाग ने उत्तर नहीं दिया। यानी संबंधित की जिम्मेदारी भी तय होगी।
एक दिन में एक स्थगन, ध्यानाकर्षण दो से ज्यादा नहीं
अगले माह की 9 अगस्त से शुरू हो रहे विधानसभा के मानसून सत्र शुरू होने के पहले विधानसभा ने विधायकों को उनकी सीमाएं बताई हैं। विधायकों से कहा गया है कि एक दिन में उनकी एक ही स्थगन सूचना स्वीकार की जाएगी। इसी प्रकार ध्यानाकर्षण भी दो से ज्यादा स्वीकार नहीं किए जाएंगे। इसलिए विधायक इससे ज्यादा सूचनाएं न दें। विधायकों को भेजे गए परिपत्र में कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करना अनिवार्य किया गया है। साथ ही कहा गया है कि मानसून सत्र के लिए स्थगन प्रस्ताव, ध्यानाकर्षण एवं शून्यकाल की सूचनाएं 4 अगस्त से स्वीकार की जाएंगीं। प्रथम बैठक के लिए 4 अगस्त से 7 अगस्त तक सूचनाएं ली जाएंगीं। इसके बाद अन्य दिनों के लिए सूचनाएं स्वीकार होंगीं। सूचनाओं के लिए विधायक यदि अपना अधिकृत व्यक्ति भेजते हैं तो उसे मुख्य द्वार पर टोकन प्राप्त करना होगा। उसका क्रम आने पर उसे सचिवालय में प्रवेश मिलेगा। वहीं विधायकों से कहा गया है कि एक बैठक के लिए एक से अधिक स्थगन प्रस्ताव नहीं लिए जाएंगे। यदि विधायक एक साथ एक से अधिक सूचनाएं देना चाहते हैं तो उन्हेंं तिथि बताना होगी कौन सी सूचना किस दिनांक के लिए है। इसी प्रकार की व्यवस्था ध्यानाकर्षण के लिए की गई है। सचिवालय ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी ध्यानाकर्षण में एक से अधिक विधायक के हस्ताक्षर होंगे तो यह माना जाएगा कि जिस विधायक ने पहले साइन किए हैं, यह सूचना उसी के द्वारा दी गई है।
सदन में अधिक से अधिक चर्चा का प्रयास
विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम का फोकस सत्र के दौरान महत्वपूर्ण विषयों पर अधिक से अधिक विधायकों के चर्चा में शामिल होने को लेकर है। प्रश्नकाल में भी ज्यादा से ज्यादा सवालों पर सरकार से जवाब लिए जाने का प्रयास होगा। पिछले सत्र में नए विधायकों को मौका दिया गया था, इस बार भी नवाचार की संभावना है।

 

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