दामिनी एप से 40 किमी क्षेत्र में बिजली गिरने की एक घंटे पहले मिलेगी वास्तविक जानकारी

भोपाल, आकाशीय बिजली गिरने से होने वाली जनहानि एवं पशुहानि से बचने के लिए पहले से हमें आगाह करने के लिए भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के मौसम वैज्ञानिकों ने दामिनी एप तैयार किया है। इसके माध्यम से बिजली गिरने के 1 घंटे पूर्व ही इसकी सूचना आपके मोबाइल के माध्यम से हमें मिल जाएगी।
अपने मोबाइल पर दामिनी एप डाउनलोड करना पड़ेगा। जिन लोगों ने अपने मोबाइल में इस एप को डाउनलोड कर लिया है। उनके आसपास 40 किलोमीटर के दायरे में गिरने वाली आकाशीय बिजली की सूचना उन्हें एप के जरिए 1 घंटे पूर्व ही मिल जाएगी। सूचना मिलने पर किसान भाई व अन्य लोग सुरक्षित स्थान पर पहुंच सकेंगे। यदि वे खुले स्थान में है और जंगल में है, तो पास में सुरक्षित स्थान पर सहारा ले सकते हैं। अपने पशुधन इत्यादि को जल्दी से जल्दी सुरक्षित स्थान तक पहुंचा सकेंगे। ज्ञात रहे खेत खलिहान में कार्य करने वाले कृषक एवं पशुपालकों को आकाशीय बिजली गिरने से सर्वाधिक जन हानि एवं पशुओं की हानि होती है।
लगातार हो रही घटनाएं
हाल ही में जलवायु परिवर्तन के कारण आकाशीय बिजली गिरने की घटनाओं में वृद्धि हुई है। पिछले दिनों राजस्थान, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में आकाशीय बिजली गिरने से करीब 74 लोगों की मौत हो गई। वैज्ञानिकों के अनुसार 1967 से 2012 तक भारत में प्राकृतिक आपदाओं से होने वाली मौतों में 39 प्रतिशत मौतें आकाशीय बिजली गिरने से हुई। तापमान बढऩा भी बिजली गिरने में एक महत्वपूर्ण कारक है। ऐप डाउनलोड कर खुद के साथ दूसरों को भी बचाएं : कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ हरवेंद्र सिंह ने बताया कि दामिनी एप को डाउनलोड करने गूगल प्ले स्टोर में जाकर एप का नाम सर्च कर डाउनलोड करें। साथ ही मौसम आधारित कृषि सलाह के लिए मेघदूत एप का प्रयोग करके आगामी कृषि क्रियाओं की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
एप पर अलर्ट मिलते ही ऐसे करें अपना बचाव
कृषि विज्ञान केंद्र के प्रमुख ने बताया कि एक घंटे पहले अलर्ट करने के साथ ही एप हमें इससे बचाव के सुझाव भी देगा। एप हमें बताएगा कि यदि हम खुले स्थान पर हैं/जंगल में हैं/वाहन मैं हैं /घर पर हैं, उस समय बिजली से बचने क्या करें एवं सुरक्षित स्थान पर पहुंच जाएं या किसी निचले स्थान की ओर चले जाएं। घर में हैं तो इलेक्ट्रिक उपकरणों से दूर रहें। मोबाइल आदि का उपयोग न करें। अगर जंगल में रुकने का स्थान नहीं मिल रहा है बड़े पेड़ों से दूर छोटी झाडी़ के पास में चले जाएं और नीचे बैठकर अपने को अधिक से अधिक बचाव करें।

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