मप्र के दर्जन भर जिलों में फिर से होंगे रेत के ठेके, 56 सौ करोड़ का लक्ष्य

भोपाल,वित्त विभाग ने इस बार खनिज विभाग का राजस्व लक्ष्य बढ़ाकर 5600 करोड़ का राजस्व वसूली लक्ष्य दिया है। इस लक्ष्य को पूरा करने में विकास को पसीना आ रहा है। एक ओर कम आमदनी के चलते चार जिलों में रेत ठेकेदारों ने ठेके समर्पित करने के आवेदन कर दिए है वहीं आठ जिलों में कोरोना के कारण रेत खदानों के ठेके निरस्त हो चुके है। इसलिए प्रदेश के एक दर्जन जिलों में रेत खदानों के ठेके फिर से किए जाएंगे। अभी तक प्रदेश में रेत खदानों से सरकार को ज्यादा आय नहीं होती थी।
वर्ष 2019-20में ही 250 करोड़ रुपए के ठेके हुए थे। इस बार रेत नीति में बदलाव किया गया और फिर जब ठेके हुए तो प्रदेश में इस बार रेत खदानों के ठेके 11 सौ करोड़ से अधिक में गए है। इस बार प्रदेश में खनिज विभाग को पांच हजार 600 करोड़ रुपए का लक्ष्य दिया है। इस लक्ष्य को पूरा करने में विभाग को दिक्कत आ रही है। एक तो कोरोना के चलते पहले ही राजस्व वसूली कम हो रही है उसपर रेत समूहों के ठेके ठेकेदार समर्पित कर रहे है। चार जिलों पन्ना, भिंड, शाजापुर और रतलाम के ठेकेदारों ने कम आमदनी के अनुमान से अपनी रेत खदाने समर्पित कर दी है जबकि आठ जिलों में कोरोना के चलते खदाने शुरु ही नहीं हो पाई। इन आठ जिलों में मंदसौर, अलीराजपुर, रायसेन, रीवा,शिवपुरी, राजगढ़, धार और छतरपुर जिले शामिल है। यहां के रेत खदानों के ठेके निरस्त हो गए है। अब खनिज विभाग यहां नये सिरे से रेत खदानों के ठेके देने फिर से टेंडर जारी करेगा।
अन्य राज्यों की नीतियों का अध्ययन
बारिश में वैसे भी रेत खनन पर प्रतिबंध रहता है और ठेके की प्रक्रिया पूरी होंने में भी एक से डेढ़ माह का समय लग जाता है। इस बीच सरकार खनन से राजस्व बढ़ाने के लिए अन्य राज्यों की नीतियों का अध्ययन करा रही है। इसके बाद फिर से नये सिरे से एक दर्जन स्थानों पर रेत खदानों के ठेके किए जाएंगे। ये ठेके अगले माह होंने की संभावना है।

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