मप्र की सिनेमाघर इंडस्ट्री को 20 हजार करोड़ का नुकसान, छूट के बाद भी बंद हैं टॉकीज

भोपाल/इंदौर, सरकार ने छूट दे दी उसके बावजूद इंदौर के सिनेमाघर बंद पड़े हैं। आदेश हुए 5 दिन हो गए लेकिन टॉकीज नहीं खुल रहीं। इसकी वजह ये है कि सिनेमाघर मालिकों के पास कोई नयी फिल्म नहीं है। इस कोरोना काल में एमपी की सिनेमा इंडस्ट्री को 20 हजार करोड़ का नुकसान हो चुका है। इसमें 2 हजार करोड़ का नुकसान तो सिर्फ भोपाल में हुआ।
कोरोना का असर कम होते ही मध्यप्रदेश सरकार ने 50 फीसदी दर्शक क्षमता के साथ प्रदेश के सिनेमाघरों को खोलने की छूट दे दी थी। बावजूद इसके भोपाल के सिनेमाघर पिछले पांच दिन से बंद हैं। वजह है कोई नई फिल्म न होना। शहर के मल्टी प्लेक्स और सिंगल स्क्रीन वालों के पास फिल्में ही नहीं हैं। बड़ी फिल्में इंटरनेट और ओटीटी प्लेटफॉर्म पर आ चुकी हैं। अब नई फिल्मों के रिलीज होने का इंतजार किया जा रहा है।
नयी फिल्मों का टोटा
भोपाल में मल्टीप्लेक्स सिनेमा सरकार के आदेश बाद भी शुरू नहीं हो पाए हैं। सिंगल स्क्रीन वाले इक्का दुक्का सिनेमाघर पुरानी फिल्में चला रहे हैं लेकिन उन्हें दर्शक ही नहीं मिल रहे हैं। इसलिए पुरानी फिल्में दिखाने में जो खर्चा आ रहा है उसकी भरपाई मुश्किल है। जब तक महाराष्ट्र और खासतौर पर मुंबई के सिनेमाघर बंद हैं तब तक बड़ी फिल्में रिलीज नहीं होंगी। इसका असर भोपाल पर पड़ेगा। सेंट्रल सर्किट सिने एसोसिएशन के अध्यक्ष बसंत लड्ढा का कहना है बड़ी-बड़ी फिल्में बनकर तैयार हैं लेकिन जब तक महाराष्ट्र नहीं खुलेगा तब तक फिल्में रिलीज नहीं होगीं। इसलिए इंदौर के सिनेमा संचालकों को इंतजार ही करना पड़ेगा।
भोपाल में 2 हजार करोड़ का नुकसान
इंदौर की कस्तूर, आस्था, मधुमिलन, सपना संगीता समेत मॉल में चल रहे मल्टीप्लेक्स पीवीआर, आइनॉक्स, कार्निवाल भी नई फिल्में रिलीज न होने से बंद हैं। सीसीसीए के डायरेक्टर बसंत लड्ढा का कहना है यदि कोरोना की तीसरी लहर नहीं आती है तो 12 अगस्त के बाद सिनेमाघर खुल पाएंगे। लेकिन एक बात है कि पिछले 16 महिने में सिनेमाघर मालिकों को 2 हजार करोड़ का घाटा हो चुका है। बिजली बिल समेत टैक्स में छूट को लेकर हम लोग मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी मिले हैं। सरकार कुछ रियायत दे दे तो सिनेमाघरों के संचालकों को कुछ राहत जरूर मिल जाएगी
फिल्म प्रेमी मायूस
उधर सिनेमाघर न खुलने से फिल्में देखने के शौकीन मायूस हैं। अभी स्कूल कॉलेज भी बंद हैं। वे मनोरंजन के लिए टॉकीजों का रुख कर रहे हैं लेकिन अधिकतर टॉकिज बंद हैं और जो सिनेमाघर खुले हैं उनमें पुरानी फिल्में दिखाई जा रहीं हैं। इसलिए उनमें दर्शक रुचि नहीं ले रहे हैं। वे सिनेमाघर जल्द शुरू करने की मांग कर रहे हैं।
बेलबॉटम से उम्मीद
जब तक कोई बड़ी फिल्म नहीं आती तब तक सिनेमाघरों को खोलना मालिकों के लिए घाटे का सौदा ही नजर आ रहा है। हालांकि अक्षय कुमार की बेलबॉटम से सिनेमाघर संचालकों को बड़ी उम्मीद हैं। सीसीसीए के मुताबिक कोरोना की वजह से पिछले 16 महिने में मध्यप्रदेश की सिनेमा इंडस्ट्री को 20 हजार करोड़ का नुकसान हुआ है इसकी भरपाई होना मुश्किल है।

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