मप्र में सूखे का रेकार्ड टूटा, अब 3 दिनों तक बारिश के आसार नहीं

भोपाल, मध्यप्रदेश से इंद्रदेव रूठ गए हैं यहां बारिश पर ब्रेक लग गया है। अब 3 दिनों तक बारिश होने की कोई उम्मीद नहीं हैं। इस महीने सूखे का सालों पुराना रिकॉर्ड भी टूट गया है। गर्मी और उमस की वजह से जनता परेशान है। लोगों को बारिश का इंतजार है। खास कर इस साल भोपाल में जुलाई में पिछले 11 साल के मुकाबले सबसे ज़्यादा सूखा रहा। इस महीने सिर्फ दो दिन बारिश हुई। 2015 में जुलाई में 12 दिन सूखे बीते थे। 11 साल में कभी भी जुलाई इतना सूखा नहीं बीता। वहीं, ग्वालियर में जुलाई में सूखे ने 19 साल का रिकॉर्ड टूटा है। जुलाई के 16 दिन में 5 दिन में महज़ 24 मिलीमीटर बारिश हुई। पूरे प्रदेश में मानसून की बेरुखी की वजह से भीषण गर्मी और लू जैसे हालात हैं। बारिश का ब्रेक अभी दो-तीन दिन और बना रहेगा। फिलहाल प्रदेश में बारिश के आसार नहीं है।
जुलाई का पहला पखवाड़ा बीत चुका है, लेकिन झमाझम बारिश के लिए अभी भी लोग तरस रहे हैं। राजधानी भोपाल में भीषण गर्मी और उमस ने बेचैनी बढ़ा दी है। बारिश के सीजन में जुलाई और अगस्त में सर्वाधिक बरसात होती है, लेकिन इस बार जुलाई के पहले 15 दिनों में बरसात नहीं हुई है। मौसम विभाग में बताया कि मानसून के प्रभावी होने के बाद बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में एक भी ऐसा वेदर सिस्टम नहीं बना, जिससे प्रदेश में मानसून को पर्याप्त ऊर्जा मिल सके। इस वजह से बरसात का क्रम लगभग थमा सा रहा।
पिछले चार-पांच दिन से विदर्भ पर बने पूर्वी-पश्चिमी ट्रफ के कारण राजधानी सहित पूरे प्रदेश में हवा का रुख पूर्वी बना हुआ है। इस वजह से बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से नमी भी नहीं मिल पा रही है। यह सिस्टम शुक्रवार को कमजोर पड़कर समाप्त होने लगेगा। जिसके चलते एक बार फिर हवा का रुख पश्चिमी और दक्षिण-पश्चिमी होने लगेगा। साथ ही मानसून ट्रफ के भी प्रदेश में आने की संभावना है। ऐसे में आने वाले दिनों में बारिश होने की उम्मीद जगी है।

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