भोपाल, राजधानी में एयरपोर्ट अथारिटी ऑफ इंडिया एक आधुनिक एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावर एवं तकनीकी ब्लॉक बनाने जा रही है। टॉवर की मदद से विमानों की लैंडिंग एवं टेकऑफ के समय दूर तक निगाह रखी जा सकेगी। रन-वे पर हो रही हर गतिविधि इसके दायरे में होगी। टॉवर के निर्माण पर अथारिटी करीब 24 करोड़ स्र्पये खर्च करेगी। नए एटीसी भवन की स्वीकृति तीन साल पहले ही मिल गई थी। टेंडर भी जारी हो गए थे लेकिन कोरोना काल के कारण विलंब होता गया। एयरपोर्ट डायरेक्टर केएल अग्रवाल ने बताया कि नए भवन का काम दिल्ली की एसआर-39 इंजीनियर प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी करेगी। इसका निर्माण टर्मिनल बिल्डिंग के पास ही कराया जा रहा है। नया कंट्रोल टावर एवं तकनीकी ब्लाक बनने से विमानों के ट्रेकिंग सिस्टम में सुधार होगा। विमानों की लैंडिंग एवं टेकऑफ के समय रन-वे के अंतिम छोर तक निगाह रखी जा सकेगी। वर्तमान एटीसी भवन पुराने एयरपोर्ट भवन के पास है। रनवे स्ट्रिप पर बना होने के कारण पुराने एयरपोर्ट का बड़ा हिस्सा तोड़ा जा चुका है लेकिन एटीसी भवन अब भी वहीं है। यहां से विमानों की ट्रेकिंग में दिक्कत होती है। नया टावर बनने से विजिब्ािल्टी बढ़ेगी। रन-वे पर पूरे समय निगाह रखी जा सकेगी। भविष्य में उड़ानों की संख्या बढ़ने की संभावना को देखते हुए इसकी जरूरत महसूस की जा रही थी। वर्तमान में राजधानी से नौ जोड़ी उड़ानों का संचालन हो रहा है। अगले दो माह में ही 15 जोड़ी उड़ानें हो जाएंगी। राजधानी से भविष्य में इंटरनेशनल उड़ानें शुरू होने की संभावना है। एटीसी भवन के साथ ही तकनीकी भवन को आधुनिक रूप देने कनए भवन में आधुनिक उपकरण भी स्थापित किए जाएंगे। इनकी मदद से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की ट्रेकिंग भी आसानी से हो सकेगी। इस बारे में एयरपेार्ट डायरेक्टर केएल अग्रवाल का कहना है कि एटीसी भवन के साथ ही नया तकनीकी ब्लाक भी बनाया जाएगा। विमानों की संख्या बढ़ने के साथ ही वर्तमान में संचालित एटीसी भवन छोटा साबित हो रहा था। उपकरण भी पुराने हो गए हैं। नए भवन को आधुनिक रूप दिया जाएगा। लगभग डेढ़ साल में काम पूरा हो जाएगा।