भीड़ रोकिए, तीसरी लहर करीब, टूरिज्म और धार्मिक यात्राओं को कुछ महीने रोकें

नई दिल्ली, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कोरोना पर चेतावनी दी है। उसने कहा कि तीसरी लहर नजदीक है और ऐसे में टूरिज्म और धार्मिक यात्राएं कुछ और महीने इंतजार कर सकते हैं। ये चेतावनी तब आई है, जब देश के कई हिस्सों को अनलॉक कर दिया गया है और टूरिस्ट स्पॉट में लोगों की भीड़ जमा होनी शुरू हो गई है। मौजूदा हालात में भी देश में जिस तरह से लोग खुशी जाहिर कर रहे हैं, आईएमए ने इस बात पर भी गहरा दुख जाहिर किया है।
उसने कहा कि भारत अभी-अभी भयावह दूसरी लहर से बाहर आया है और इसके पीछे स्वास्थ्य महकमे की कोशिशें हैं।
देश में जगह-जगह जुट रही भीड़
आईएमए ने कहा जगह-जगह भीड़ को देखते हुए कहा कि इतिहास में जितनी भी महामारियां आई हैं, उन्हें देखा जाए तो ये साफ है कि तीसरी लहर को टाला नहीं जा सकता है। ये बेहद करीब है। ये देखकर बहुत दुख हो रहा है कि देश के कई हिस्सों में जनता और सरकार, दोनों ही लापरवाह हैं। सभी बिना कोविड प्रोटोकॉल का पालन किए भीड़ इकट्ठा करने में जुटे हैं। ऐसे में टूरिज्म बोनांजा, धार्मिक यात्राएं और उसका उत्साह, ये सभी बहुत जरूरी हैं, लेकिन ये कुछ और महीने इंतजार कर सकते हैं। इन सभी को खोलना और लोगों को बिना वैक्सीनेशन के इन स्थानों पर जाने देना खतरनाक है। ये कोरोना की तीसरी लहर के लिए सुपरस्प्रेडर बन सकते हैं। इस तरह के जमावड़ों से होने वाले आर्थिक नुकसान से कहीं बेहतर है कोरोना के एक मरीज के ट्रीटमेंट से होने वाला आर्थिक नुकसान।
वैक्सीनेशन से कम हो सकता है तीसरी लहर का असर
पिछले डेढ़ साल के अनुभव को देखा जाए तो वैक्सीनेशन के जरिए तीसरी लहर के असर को काफी कम किया जा सकता है। इसके साथ ही कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना होगा। प्रेसिडेंट डॉ. जॉनरोज ऑस्टिन जयलाल ने कहा कि इस नाजुक मुकाम पर हमें अगले दो-तीन महीने तक कोई खतरा नहीं उठाना चाहिए। सभी राज्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को जमीन पर उतारें और कोरोना के खिलाफ मिलकर लड़ाई लड़ें।
लापरवाही की तो सभी छूट वापस लेंगे
अनलॉक में मनमानी को देखते हुए सरकार ने भी चिंता जाहिर की थी। जॉइंट सेक्रेटरी लव अग्रवाल ने कहा था कि कोरोना की दूसरी लहर सीमित दायरे में ही सही, लेकिन अब भी मौजूद है। हिल स्टेशनों पर भारी भीड़ का जिक्र कर उन्होंने कहा कि ऐसा करना अब तक के फायदे को कम कर सकता है। अगर प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया जाता है तो हम पाबंदियों में दी गई ढील को फिर से खत्म कर सकते हैं।

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