नई दिल्ली, इस वक्त जब ब्रिटेन मास्क की अनिवार्यता समाप्त करने की तैयारी कर रहा है और भारत में तेजी से अनलॉक जारी है, ऐसे वक्त में दुनिया के 24 देशों में कोरोना संक्रमण में बहुत तेजी आई है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेतावनी देते हुए कहा है कि इस अहम वक्त में किसी भी देश को पूरी तरह प्रतिबंध हटा लेने की मूर्खता नहीं करनी चाहिए। वैश्विक निकाय का कहना है कि जब तक एक देश में भी संक्रमण बना रहेगा, कोई भी देश इससे अछूता नहीं रह सकता। डेल्टा वेरिएंट ने कोरोना के कम हो रहे खतरे को अचानक बढ़ा दिया है। इस वक्त कुवैत, इराक, ओमान, फिजी, दक्षिण अफ्रीका, ट्यूनेशिया, रवांडा, जिम्बावे, नामीबिया, मोजंबिक, रूस, साइप्रस, कोलंबिया, कजाकिस्तान, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, थाईलैंड, म्यांमार, किर्गिस्तान, क्यूबा, वेनेजोएला में तेजी से बढ़ रहा है। इनमें से ज्यादातर देश संक्रमण की दूसरी लहर से जूझ रहे हैं जबकि दक्षिण अफ्रीका जैसे कुछ देशों में तीसरी लहर आ चुकी है। इनमें से अधिकांश देश आर्थिक रूप से मध्यम व निम्न आय वाले हैं, ऐसे में पर्याप्त चिकित्सा व्यवस्था न होने के कारण यहां लोग इलाज की कमी से भी मर रहे हैं। इस वक्त दुनिया के जिन देशों में संक्रमण में तेजी से उछाल आया है, उनमें अधिकांश ऐसे देश हैं जहां टीकाकरण की रफ्तार धीमी है। उदाहरण के लिए क्यूबा में अभी 25%, रूस में 18%, श्रीलंका में 13%, थाईलैंड में 11%, फिलीपीन्स में 8%, दक्षिण अफ्रीका में 6%, ईरान में 4% आबादी को ही टीके की कम से कम एक खुराक मिल पायी है। जिस कारण यहां बहुत बड़ी आबादी के शरीर में कोरोना के खिलाफ प्रतिरक्षा विकसित नहीं हो सकी है, यही वजह है कि लोग तेजी से संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं। रॉयटर्स के कोविड ट्रैकर के अनुसार, दुनिया में अभी 70 देश ऐसे हैं, जहां संक्रमण में बढ़त होनी शुरू हो गई है। इनमें से 19 देश ऐसे हैं जो संक्रमण की चरम स्थिति के करीब हैं। जिसमें इंडोनेशिया, इराक, कुवैत शामिल हैं। अभी तक दुनिया में 185,024,000 लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं जबकि 4,156,000 की मौत हो चुकी है। हाल में डेल्टा के कारण तीसरी लहर का सामना करने वाले ब्रिटेन ने तेज टीकाकरण के बल पर संक्रमण को काबू कर लिया और अब 19 जुलाई से यहां पूरी तरह अर्थव्यवस्था खोलने की तैयारी है। बोरिस जॉनसन ने कहा है कि इस तारीख के बाद लोगों को सार्वजनिक इलाकों में मास्क लगाने की जरूरत नहीं होगी, यह उनकी इच्छा पर निर्भर करेगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस कदम को लेकर कहा है कि अभी जो भी देश जल्दबाजी में अनलॉक करेंगे या बचाव के नियमों में ढील देंगे, उनके लिए यह बहुत बड़ा मूर्खतापूर्ण कदम साबित हो सकता है।