भोपाल, मानसूनी बादलों के रूठने के बाद शहर में मौसम का मिजाज दिन भर बदल रहा है। कभी स्थानीय बादल छा रहे हैं, तो कभी धूप तपा रही है। मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार प्रदेश में अभी कोई मानसूनी सिस्टम सक्रिय नहीं है। ट्रफ लाइन भी प्रदेश के ऊपर से गुजर नहीं रही है। लोकल डेवलपमेंट से बादल बन रहे हैं। इसके कारण कहीं-कहीं छिटपुट बारिश हो सकती है।
भोपाल सहित प्रदेश भर में रोजाना बादल आकर गुजर रहे हैं लेकिन बादलों की बेरुखी साफ दिखाई दे रही है। इसका असर लाखों एकड़ में बोई गई फसल पर पड़ रहा है। किसानों की माने तो कुछ ने पहले पानी के बाद और कुछ ने अभी बोनी शुरू की है, पौधे भी निकलने लगे हैं, कहीं 15 तो कहीं 10 दिन का पौधे बाहर आ गए हैं। अगर 4 से 5 दिन में बारिश नहीं हुई तो फसल को नुकसान होने की संभावना जताई जा रही है।
किसानों पर पड़ेगी दोहरी मार
किसानों का कहना है कि जुलाई महीने की शुरुआत हो गई है। लेकिन बारिश के कोई आसार नहीं दिखाई दे रहे हैं। बोवनी के लिए भी एक पखवाड़े से ज्यादा का वक्त हो गया है, लेकिन बारिश नहीं होने से जमीन की नमी लगातार खत्म हो रही है। यदि एक-दो दिन और पानी नहीं गिरता तो सोयाबीन सहित दूसरे फसलें खत्म हो जाएंगी। किसान गांवों में अच्छी बारिश की मिन्नतें कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि जून में जो बारिश हुई है, वह इतनी नहीं है कि उससे जलस्रोत भर गए हों, यदि वही भरे होते तो ऐसे किसान सिंचाई कर लेते, जिनके पास सिंचाई के साधन हैं, लेकिन जून के शुरुआती दिन में बारिश हुई। उनसे जलस्रोत भी खाली हैं। कोरोना के चलते पहले ही व्यापार में मंदी छाई हुई है। इस साल सोयाबीन का बीज भी महंगा है। यदि जल्द बारिश नहीं हुई तो किसानों को फिर दोहरी मार झेलनी पड़ सकती है।
रोज छा रहे बादल, लेकिन बरस नहीं रहे
किसानों का कहना है कि पिछले चार-पांच दिन से बादल तो छा रहे हैं। इससे किसानों की उम्मीद बढ़ जाती है, लेकिन बारिश नहीं हो रही है। इससे सभी परेशान हैं। लोगों का कहना है कि जिस तरह से उमस और गर्मी पड़ रही है। उससे लगता है, जैसे अप्रैल-मई का महीना चल रहा है। इस तरह की गर्मी और उमस से किसान चिंतित हैं।
किसानों की मेहनत पर कहीं पानी न फिर जाए
एक-दो दिन में बारिश और नहीं हुई तो किसानों की उम्मीदों पर पानी फिर जाएगा। इस बार बड़ी मुश्किल से तो बोवनी का मौका मिला। देर से हुई बोवनी के कारण कम दिनों की उपज वाला बीज बोया, लेकिन जिस तरह से गर्मी पड़ रही है। बीज से पौधे तो निकल आए लेकिन वो जल्द खत्म होने लगेंगे। अब किसान मुश्किल में हैं। ऐसे लग रहा है कि किसानों की मेहनत पर कहीं पानी न फिर जाए।
बारिश के आसार नहीं दिख रहे, बाहर धूप और अंदर उमस से बढ़ी परेशानी
