लखनऊ,”जबरन धर्म परिवर्तन” के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली और उत्तरप्रदेश में छह स्थानों पर छापेमारी की है। ईडी ने दिल्ली में तीन और यूपी में तीन जगहों पर की गई छापेमारी के दौरान बरामद किए गए दस्तावेजों का हवाला देते हुए कहा कि “अवैध धर्मांतरण के उद्देश्य से” कई करोड़ रुपये के विदेशी धन का भी खुलासा हुआ है। इसमें से कुछ फंडिंग कथित तौर पर पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस से भी प्राप्त हुई थी।अधिकारियों ने कहा कि तलाशी अभियान के दौरान कई “आपत्तिजनक” दस्तावेज जब्त किए गए हैं, जो पूरे भारत में उमर गौतम और उनके संगठनों द्वारा कथित तौर पर किए गए “बड़े पैमाने पर धर्मांतरण” का खुलासा करते हैं।
ये छापेमारी इस्लामिक दावा सेंटर (आईडीसी) के कार्यालय, मामले के मुख्य आरोपी मोहम्मद उमर गौतम उसके सहयोगी मुफ्ती काजी जहांगीर आलम कासमी के दक्षिण दिल्ली के जामिया नगर क्षेत्र स्थित घर पर की जा रही है। उत्तरप्रदेश में राजधानी लखनऊ स्थित ‘अल हसन एजुकेशन एंड वेलफेयर फाउंडेशन एंड गाइडेंस एजुकेशन एंड वेलफेयर सोसाइटी’ के कार्यालयों में छापेमारी की जा रही है। ईडी के अधिकारियों ने कहा कि ये संगठन उमर गौतम द्वारा चलाए जा रहे हैं और कथित अवैध धर्मांतरण में “महत्वपूर्ण भूमिका” निभा रहे हैं। केन्द्रीय जांच एजेंसी ने पिछले माह धनशोधन निषेध अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत एक अपराधिक मामला दर्ज किया था। उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने मामले का भंडाफोड़ किया था और एजेंसी इस मामले की जांच कर रही है।
“जबरन धर्म परिवर्तन” के मामले में ED ने दिल्ली और उत्तर प्रदेश में छापे मारे
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