चंडीगढ़, जूनियर बेसिक ट्रेनिंग (जेबीटी) टीचर भर्ती घोटाले में जेल की सजा काट रहे हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला की सजा पूरी हो गई है। सजा पूरी होने के बाद इनेलो सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला के सामने चुनाव लड़ सकने का रास्ता भी साफ हो गया। मामले में उन्हें चुनाव आयोग से राहत मिल सकती है। सजा पूरी होने के बाद चुनाव आयोग चुनाव न लड़ पाने के प्रतिबंध को पूरी तरह खत्म कर सकता है।
जानकारी के मुताबिक हरियाणा में मुख्यमंत्री रहते चौटाला के कार्यकाल में टीचर भर्ती घोटाला हुआ था। इसमें चौटाला को 10 साल की सजा मिली थी। यह सजा सीबीआई के स्पेशल कोर्ट से सुनाई गई थी। मामले में चौटाला की सजा को 9 साल 6 माह पूरे हो चुके हैं। चौटाला के वकील अमित साहनी की ओर से कहा गया था कि सरकार की ओर से दस साल की सजा काट रहे कैदियों को 6 माह की छूट मिलती है। इसके तहत जेल प्रशासन ने भी मान लिया कि चौटाला की सजा पूरी हो चुकी है। गौरतलब है कि ओमप्रकाश चौटाला हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के दादा हैं।
बताया जा रहा है कि लोक प्रतिनिधित्व कानून 1951 की धारा 8(1) के अनुसार, रिहाई से 6 साल की अवधि तक यानी जून 2027 तक ओम प्रकाश चौटाला के सामने चुनाव लड़ना मुश्किल होगा। चौटाला के पास कानून की धारा-11 के तहत अपनी 6 वर्ष की अयोग्यता अवधि को कम करने या खत्म करने के लिए भारतीय चुनाव आयोग के पास अर्जी दायर करने का विकल्प है। इसके लिए चुनाव आयोग कानूनन सक्षम है। सितंबर 2019 में आयोग ने भ्रष्टाचार में दोषी ठहराए गए सिक्किम के वर्तमान सीएम प्रेम सिंह तमांग के चुनाव लड़ने के लिए लगी 6 वर्ष की अयोग्यता अवधि को घटाकर एक वर्ष एक माह कर दिया था। आने वाले विधानसभा चुनाव के वक्त चौटाला की रिहाई इनेलो के लिए संजीवनी का काम करेगी।