भोपाल, मप्र में लगातार बढ़ते डीजल और पेट्रोल के दामों का असर अब पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन पर भी दिखने लगा है। कोरोना के कारण काफी नुकसान उठा चुके बस ऑपरेटर्स किराया बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। अरसे बाद बहाल हुई बस सेवा फिर से ठप्प हो सकती है।
बस ऑपरेटर्स का कहना है प्रदेश में डीजल पेट्रोल के काम आसमान छू रहे हैं। कोरोना कफ्र्यू के कारण आवाजाही बंद रही। अंतर्राज्यीय बस सेवा भी अरसे तक बंद रही। पहले ही काफी नुकसान उठा चुके ये ऑपरेटर्स अब और अब और मंदी झेलने की हालत में नहीं हैं। इनका कहना है डीजल के दाम रोजाना नया रिकॉर्ड बना रहे हैं। इस वजह से अब बस चलाना बेहद मुश्किल हो गया है। डीजल इतना महंगा है कि बस का खर्च तक निकालना मुश्किल पडऩे लगा है।
डीजल सस्ता हो या किराया बढ़ाएं
बस ऑपरेटर्स की मांग है कि या तो प्रदेश सरकार मध्यप्रदेश में डीजल के दाम कम करे या फिर यात्री किराये में 40 से 50 फीसदी की बढ़ोतरी की जाए। इनका कहना है सरकार को डीजल जीएसटी के अंतर्गत लाना चाहिए ताकि न केवल बस ऑपरेटर्स को राहत मिले बल्कि प्रदेश की जनता को भी डीजल के बढ़ते दामों से मुक्ति मिल सके। बस ऑपरेटर्स का कहना है कि जल्द ही प्रदेश भर के बस संचालक एसोसिएशन बैठक कर यह फैसला लेंगे कि आगे किस तरह से रणनीति बनाना है। जब पिछली बार मप्र में बस ऑपरेटर ने यात्री किराया 60 फीसदी तक बढ़ाने की मांग को लेकर हड़ताल की थी तो प्रदेश सरकार ने 25 फीसदी किराया बढ़ाया था। लेकिन उसके बाद डीजल के दाम 10 से 12 रुपए तक बढ़ चुके हैं। ऐसे में बढ़ाया गया यात्री किराया ऊंट के मुंह में जीरे के समान हो गया है।
मांग पर अड़े ऑपरेटर्स
बस ऑपरेटर्स का कहना है हम सरकार तक अपनी मांगों को पहुंचाएंगे और अगर सरकार ने उनकी मांग नहीं मानीं तो आने वाले समय में प्रदेशभर के ऑपरेटर्स सख्त कदम उठा सकते हैं।