नई दिल्ली, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि हम जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि डीडीसी चुनावों के सफल संचालन की तरह ही विधानसभा चुनाव कराना प्राथमिकता है। पीएम ने कश्मीरी नेताओं के साथ बैठक में कहा कि वह दिल्ली की दूरी के साथ-साथ दिल की दूरी को भी हटाना चाहते हैं।प्रधानमंत्री ने सभी प्रतिभागियों द्वारा समर्थित संविधान और लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्धता पर प्रसन्नता व्यक्त की।
गुरुवार को अपने दिल्ली आवास पर जम्मू-कश्मीर के शीर्ष राजनीतिक नेताओं के साथ लगातार तीन घंटे तक मोदी की बातचीत में राज्य के चार पूर्व मुख्यमंत्रियों समेत कुल 14 नेता शरीक हुए। बैठक में उप राज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय मंत्री जीतेंद्र सिंह और एनएसए अजीत डोभाल ने भी शिरकत की। सूत्रों के अनुसार, बैठक में पीएम ने सभी प्रतिभागियों के सुझावों और इनपुट को धैर्यपूर्वक सुना। उन्होंने इस बात पर खुशी जताई कि सभी प्रतिभागियों ने अपने स्पष्ट और ईमानदार विचार साझा किए। यह एक खुली चर्चा थी जो कश्मीर के बेहतर भविष्य के निर्माण के इर्द-गिर्द घूमती थी।
पीएम मोदी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में एक मौत भी दर्दनाक है और हमारी युवा पीढ़ी की रक्षा करना हमारा सामूहिक कर्तव्य है। उन्होंने जोर देकर कहा कि हमें जम्मू-कश्मीर के अपने युवाओं को अवसर देने की जरूरत है और वे हमारे देश को बहुत कुछ देंगे। जम्मू-कश्मीर द्वारा हासिल किए गए विकास पर कई जन-समर्थक पहलों के कार्यान्वयन के साथ विस्तार से चर्चा की गई। प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर में विकास की गति पर संतोष व्यक्त किया और कहा कि यह लोगों में नई आशा और आकांक्षाएं पैदा कर रहा है। उन्होंने कहा कि जब लोग भ्रष्टाचार मुक्त शासन का अनुभव करते हैं, तो यह लोगों में विश्वास जगाता है और लोग प्रशासन को अपना सहयोग भी देते हैं और यह आज जम्मू-कश्मीर में दिखाई दे रहा है। पीएम ने कहा कि राजनीतिक मतभेद होंगे लेकिन सभी को राष्ट्रहित में काम करना चाहिए ताकि जम्मू-कश्मीर के लोगों को फायदा हो। पीएम ने जोर देकर कहा कि जम्मू-कश्मीर में समाज के सभी वर्गों के लिए सुरक्षा और सुरक्षा का माहौल सुनिश्चित करने की जरूरत है।