नई दिल्ली/भोपाल/रायपुर, देश भर में टीकाकरण के आंकड़े सोमवार के रिकॉर्ड 88 लाख के बाद मंगलवार को घटकर 54.22 लाख हो गए, जिससे यह सवाल उठने लगे कि क्या एक दिन में टीकाकरण का रिकॉर्ड बनाना महज वैक्सीन मैनेजमेंट था। सोमवार को 16.93 लाख टीके लगाने वाले मप्र में मंगलवार को महज 4842 टीके लगाए गए। दूसरी ओर महाराष्ट्र, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश जैसे अन्य राज्यों में मंगलवार को सोमवार की तुलना में ज्यादा वैक्सीनेशन किए गए। प्रदेश में हुए रिकॉर्ड वैक्सीनेशन के बाद अब कांग्रेस नेताओं ने आंकड़ों को लेकर मोर्चा खोल दिया है। नई दिल्ली से वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश के बाद पूर्व सीएम कमलनाथ ने सवाल उठाए हैं। लगातार तीन दिन के आंकड़े इन सवालों को पुख्ता भी कर रहे हैं। कांग्रेस ने तो सीधे-सीधे इन आंकड़ों का हवाला देकर पूछ लिया है कि आखिर किसे वेवकूफ बनाया जा रहा है।
देश में कई दिनों से वैक्सीन की किल्लत की खबरों के बीच 21 जून से वैक्सीनेशन की नई गाइडलाइन लागू हुई। इसके मुताबिक, देश में 18 साल या उससे ज्यादा उम्र के लोगों को फ्री वैक्सीन केंद्र सरकार मुहैया कराएगी। इसके बाद पहले दिन देश में रिकॉर्ड 90.86 लाख वैक्सीन डोज लगाए गए। हालांकि, अगले दिन यानी 22 जून को यह आंकड़ा घटकर 54.22 लाख पर आ गया। मामले में सबसे ज्यादा चर्चा मप्र की हो रही है। राज्य में 21 जून को 16.93 लाख डोज लगाकर रिकॉर्ड बनाया गया। अगले ही दिन यह आंकड़ा 99 प्रतिशत से ज्यादा गिरकर 4842 तक पहुंच गया। इसके अलावा बीते 2 दिनों में बिहार में 54 प्रतिशत, राजस्थान में 20 प्रतिशत और गुजरात में 18 प्रतिशत वैक्सीनेशन कम हुआ। इस मामले में उत्तर प्रदेश ने 22 जून को 8.21 लाख और महाराष्ट्र ने 5.59 करोड़ डोज लगाकर रिकॉर्ड बनाया।
जयराम रमेश और चिदंबरम ने उठाए सवाल
पूरे देश में 21 जून से शुरू हुए कोरोना वैक्सीनेशन महाअभियान के पहले ही दिन मप्र ने वाह-वाही लूटी थी। दावा किया गया कि पहले ही दिन करीब 17 लाख लोगों ने टीका लगवाया। ये पूरे देश में उस दिन हुए वैक्सीनेशन का 20 फीसदी था। इंदौर 2 लाख से ज़्यादा टीके लगाकर नंबर वन रहा, लेकिन अब जबकि तीन दिन के आंकड़ों पर गौर किया गया तो इस दावे पर सवाल उठने लगे हैं। कांग्रेस ने महाअभियान शुरू होने से एक दिन पहले और एक दिन बाद के एमपी के आंकड़े पेश कर सरकारी दावों पर प्रश्नचिह्न लगाया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने तीन दिन के आंकड़े ट्वीट किए हैं। इस ट्वीट में मप्र में वैक्सीनेशन का आंकड़ा उन्होंने बताया है। इसके मुताबिक मप्र में 20 जून को 692, 21 जून को 16.93 लाख और 22 जून को 4842 लोगों ने कोरोना वैक्सीन लगवाया। जयराम रमेश ने इसके नीचे लिखा-हम किसे बेवकूफ बना रहे हैं। वहीं कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने ट्वीट किया कि रविवार को जमाखोरी, सोमवार को टीका लगाएं और मंगलवार को लंगड़ाकर वापस लौट जाएं। एक दिन के टीकाकरण के विश्व रिकॉर्ड के पीछे यही रहस्य है। मुझे यकीन है कि इस करतब को गिनीज बुक ऑफ रिकॉड्र्स में जगह मिलेगी!
-कमलनाथ ने लगाया धांधली का आरोप
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी आंकड़ों के इस खेल पर सवाल उठाए। उन्होंने सरकार पर वैक्सीनेशन महा अभियान में धांधली का आरोप लगाया। कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा – मप्र के टीकाकरण अभियान को लेकर बड़ी धांधली सामने आ रही है। एक दिन 17 लाख टीके लगते हैं जबकि उसके अगले और पिछले दिन कुछ सौ टीके लगते हैं। सरकार को इस बारे में स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए क्योंकि यह करोड़ों लोगों के जीवन का सवाल है। कांग्रेस के इस सवाल पर भाजपा के प्रदेश महामंत्री रजनीश अग्रवाल ने कहा कि यह कांग्रेस की डर्टी पिक्चर और पॉलिटिक्स है। जिन आंकड़ों की बात कांग्रेस कर रही है, वह आंकड़े पोर्टल पर अपलोड होते हैं। किसी तरीके का कोई फर्जीवाड़ा होने की गुंजाइश नहीं है। कांग्रेस की मानसिकता खराब है।
-वैक्सीनेशन पर कांग्रेस भ्रम फैला रही: सारंग
कांग्रेस के आरोप पर जवाब देते हुए चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने बुधवार को कहा कि कांग्रेस के नेताओ ने अपने दिव्यज्ञान को प्रकट करते हुए वैक्सीनेशन महा अभियान पर भ्रम फैलाने वाले ट्वीट किए है। कमलनाथ ने 15 महीने में जनता का विकास नहीं किया सिर्फ एक रिकॉर्ड बनाया भ्रष्टाचार करने का। हमने वैक्सीन लगाने का रिकॉर्ड बनाया है। कांग्रेस नेताओं ने देश मे इतने बड़े-बड़े पदों पर रहने के बाद भी झूठे आंकड़े दिए है। सारंग बोले जो दिन कांग्रेस गिना रही है उस दिन प्रदेश में वैक्सीन लगी ही नहीं है। सरकार सप्ताह में चार दिन ही कोरोना की वैक्सीन लगा रही है। सोमवार, बुधवार, गुरुवार और शनिवार है। मंगलवार और शुक्रवार को बच्चों को वैक्सीन लगाई जाती है। रविवार को छुट्टी रहती है। 20 जून को रविवार था। मप्र सरकार का कोई वैक्सीनेशन प्रोग्राम नहीं था। 22 जून मंगलवार के दिन कांग्रेस का नेताओं ने कहा कि 4 हजार लोगों को वैक्सीन लगी। इस दिन भी सरकार का कोई वैक्सीनेशन का प्रोग्राम नहीं था। आकड़े निजी क्षेत्र के है। निजी क्षेत्र अपने अनुसार 7 दिन वैक्सीनेशन कार्यक्रम करते है।