भोपाल, कोरोना काल में प्रदेश सरकार से एक अच्छी खबर आ रही है। प्रदेश सरकार ने हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका पर जवाब पेश करते हुए प्रदेश के 51 जिलों के अस्पतालों को लेकर बड़ा बयान दिया है। राज्य सरकार की ओर से हाईकोर्ट को बताया गया कि 4 अक्टूबर तक नवगठित जिला निवाड़ी को छोडकऱ शेष सभी 51 जिला अस्पतालों में सीटी स्कैन मशीन लग जाएंगी। चीफ जस्टिस मोहम्मद रफीक व जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की डिवीजन बेंच ने सरकार के बयान को रिकॉर्ड पर ले लिया। अगली सुनवाई 5 जुलाई नियत की गई।
कटनी जिला एनएसयूआई के अध्यक्ष दिव्यांशु मिश्रा की ओर से कटनी सहित प्रदेश के अन्य जिला अस्पतालों में सीटी स्कैन मशीन लगाने के लिए जनहित याचिका दायर की गई। अधिवक्ता योगेश सोनी ने तर्क दिया कि राज्य सरकार की ओर से पूर्व में दिए गए जवाब में कहा गया था कि जिला अस्पताल में आयुष्मान, दीनदयाल और बीपीएल कार्ड धारकों का नि:शुल्क सीटी स्कैन किया जाएगा। गरीबी रेखा से ऊपर वाले मरीजों से 933 रुपए लिया जाएगा। इसके बाद भी कटनी जिला अस्पताल में गरीबी रेखा से ऊपर वाले मरीजों से ढाई हजार रुपए लिए जा रहे हैं। इस पर राज्य सरकार की ओर से पेश जवाब में कहा गया कि गरीबी रेखा से ऊपर के उन मरीजों से ढाई हजार रुपए लिए जा रहे हैं, जो निजी चिकित्सकों के परामर्श से सीटी स्कैन कराने आ रहे हैं। वहीं राज्य सरकार की ओर बताया कि प्रदेश के 14 जिला अस्पतालों में सीटी स्कैन मशीन लगा दी गई है। शेष 37 जिला अस्पतालों में सीटी स्कैन मशीन लगाने का कार्य जारी है। 4 अक्टूबर तक सभी 51 जिला अस्पतालों में ये मशीन लग जाएंगी। कोर्ट ने इसे संज्ञान में लेकर सुनवाई स्थगित कर दी।
मप्र में 4 अक्टूबर तक सभी 51 जिला अस्पतालों में लग जाएंगी सीटी स्कैन मशीन
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