भोपाल, कोरोना की दूसरी लहर का कोप खत्म होने के बाद अब आम आदमी पर कई तरह के भार पडऩे वाले हैं। इनमें से एक है रजिस्ट्री का भार। यदि आप नई संपत्ति खरीद रहे हैं तो 30 जून तक उसकी रजिस्ट्री करा लें। वर्ना 1 जुलाई से नई कलेक्टर गाइडलाइन लागू की जाती है तो जमीनों के रेट बढ़ जाएंगे। अगर आप मकान, प्लाट, खेती की जमीन की रजिस्ट्री अपनी बहन, पत्नी, बेटी के नाम से करा रहे हैं तो आपको दो फीसदी की छूट दी जा ही है। यह छूट रजिस्ट्री के लिए लगने वाले तीन प्रतिशत पंजीयन शुल्क में दी जा रही है ।
पंजीयन विभाग के अधिकारियों का मानना है कि 30 जून के बाद रजिस्ट्री में महिलाओं के नाम पर छूट मिलनी तो जारी रहेगी, लेकिन कलेक्टर गाइडलाइन में जमीनों के दाम बढ़ाए जा सकते हैं। इसके चलते 20 फीसदी तक बढ़े हुए दाम पर रजिस्ट्री कराना पड़ सकता है। इससे रजिस्ट्री वर्तमान के बयाय महंगी हो जाएगी। इधर, प्रॉपर्टी से जुड़े लोगों मांग है कि इस बार भी कलेक्टर गाइडलाइन में जमीनों के दाम नहीं बढ़ाए जाने चाहिए।
महिलाओं के नाम पर छूट
महिलाओं के नाम पर रजिस्ट्री कराने पर तीन की जगह एक फीसदी ही पंजीयन शुल्क लगेगा। इस तरह शहरी क्षेत्र में होने वाली रजिस्ट्री 12.5 फीसदी की जगह 10.5 फीसदी पर होगी। इससे एक करोड़ रुपए की संपत्ति पर करीब दो लाख रुपए की बचत होगी। बता दें कि इस छूट की घोषणा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मोतीलाल नेहरू स्टेडियम में विश्व महिला दिवस के अवसर पर की थी।
75 की जगह 35 फीसदी ही देना होगा
अगर महिलाओं के नाम पर 30 साल से अधिक की लीज पर कोई जमीन, दुकान या मकान ले रहे हैं तो स्टांप शुल्क 75 की जगह 35 फीसदी ही देना होगा। यानी जहां पहले 75 हजार रुपये देने पड़ते थे, वहां महिलाओं के नाम पर लीज लेने पर 35 हजार रुपए ही देने होंगे। इस प्रविधान का फायदा लेने के लिए कई लोग संपत्ति की रजिस्ट्री के लिए जो डीड पंजीयक वकीलों और सर्विस प्रोवाइडर से अपने नाम पर लिखवाई थी, अब उसे निरस्त कर फिर से पत्नी के नाम पर दस्तावेज बनवा रहे हैं। अभी 70 फीसदी रजिस्ट्री पुरुषों के नाम पर, जबकि 30 फीसदी महिलाओं के नाम पर होती हैं।