जबलपुर,विकलांग सर्टिफिकेट बनाने पांच हजार की रिश्वत मांगने के आरोपों में घिरे आरएमओ डॉक्टर संजय जैन को सीएमएचओ ने हटा दिया। उनके खिलाफ एक जांच कमेटी गठित की गई है। तब तक के लिए डॉक्टर पंकज ग्रोवर को प्रभार सौंपा गया है। कलेक्टर के निर्देश पर हुई इस कार्रवाई से हड़कंप मचा हुआ है। आरएमओ पर कोविड महामारी के दौरान भी कई तरह की अनियमितता के आरोप लगे थे।
उखरी निवासी सत्यजीत यादव ने सीएमएचओ को शिकायत दी थी कि उसके भाई अभिजीत यादव दोनों पैर व रीढ़ की हड्डी की बीमारी से पीड़ित हैं। वह विकलांग की श्रेणी में आते हैं। नवंबर २०२० में उनके पिता का निधन हो गया था। परिवार पेंशन के लिए अभिजीत का विकलांग सर्टिफिकेट बनवाने के लिए १६ जून को आरएमओ डॉक्टर संजय जैन से मिला था। उन्होंने एक कर्मचारी से मिलाया, बोले कि वह किसी से मिलाएगा, उससे बोलकर सर्टिफिकेट बनवा लेना।
आरएमओ के कहने पर कर्मी दलाल से मिलाने ले गया
वह डॉक्टर का लैपटॉप लेकर उसे पुराने ओपीडी के रास्ते अस्पताल के पीछे ले गया। विकलांग भाई को व्हील चेयर पर लेकर पीछे-पीछे गया। उसने एक व्यक्ति से मिलवाया, जो सर्टिफिकेट बनवाने के एवज में उससे ५ हजार रुपए मांगे। बताया कि डॉक्टर साहब खुद पैसे मांगने में संकोच कर रहे थे। इतने पैसे पास में नहीं थे, तो बोला कि आप डॉक्टर साहब से खुद बात कर लो।
पैसे नहीं दिए तो नहीं बना सर्टिफिकेट
सत्यजीत यादव के मुताबिक उसने कहा कि वह खुद डॉक्टर साहब को पैसे दे देगा, तब उक्त व्यक्ति बोला कि डॉक्टर साहब सीधे पैसे नहीं लेते हैं। इसके बाद वह डॉक्टर संजय जैन से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया। कुछ लोगों से फोन करवाने पर ३० नंबर कमरा में फार्म भरवाने बुलवाया। फार्म भरवाने के बाद दिन भर बाहर बैठाया रखा। शाम को पता करने पर कहा गया कि जुलाई या अगस्त में आकर पता कर लेना। जबकि ५ हजार देने पर तुरंत सर्टिफिकेट बनाने को तैयार थे।
सीएमएचओ ने शिकायत के आधार पर की कार्रवाई
इस मामले में श्रमजीवी पत्रकार परिषद की ओर से कलेक्टर कर्मवीर शर्मा और सीएमएचओ डॉक्टर रत्नेश कुरारिया से शिकायत की थी। १७ जून को सीएमएचओ ने आरएमओ को तत्काल प्रभाव से हटाते हुए, पूरे प्रकरण की जांच के आदेश दिए हैं। तब तक डॉक्टर पकंज ग्रोवर को आरएमओ का प्रभार सौंपा है।